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IANS News

‘एक बार जो जगह मस्जिद बन गई, वह हमेशा मस्जिद ही रहेगी’

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नई दिल्ली, 23 मार्च (आईएएनएस)| सर्वोच्च न्यायालय को शुक्रवार को बताया गया कि एक बार जब कोई जगह मस्जिद बन जाती है तो वह सदा के लिए इबादत की जगह हो जाती है, भले ही इसे किसी ‘बर्बर कृत्य’ से अपवित्र व नष्ट कर दिया गया हो।

अयोध्या मामले पर 2010 के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान जिरह करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस. अब्दुल नजीर की पीठ को बताया, मस्जिद को भले ध्वस्त कर दिया गया हो, लेकिन फिर भी वह इबादत की जगह बनी रहेगी।

धवन ने कहा, यह दो बिलकुल अलग बात है कि किसी क्षेत्र का अधिग्रहण कर लिया गया है और यह कि मस्जिद, हमेशा मस्जिद नहीं रहती।

धवन मुख्य याचिकाकर्ता मोहम्मद सिद्दीकी के कानूनी वारिसों की ओर से पेश हुए थे।

शीर्ष अदालत की पीठ द्वारा 1994 के फैसले पर दोबारा विचार करने की याचिका पर सुनवाई की जा रही है। इस फैसले में कहा गया था कि मस्जिद इस्लामिक धर्म परंपरा का अनिवार्य हिस्सा नहीं है और नमाज कहीं भी अदा की जा सकती है।

छह दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद का ध्वंस करने के कार्य को ‘बर्बर कृत्य’ करार देते धवन ने कहा, जिस चीज को अपवित्र किया गया वह एक मस्जिद थी और अदालत से जो कुछ भी कहा जा रहा है वह मूर्ति (रामलला की मूर्ति) की सुरक्षा के लिए कहा जा रहा है।

यह कहते हुए कि सरकार किसी धर्मस्थल का अधिग्रहण कर सकती है, धवन ने कहा, यह पूरी तरह से साफ है कि एक मस्जिद के साथ किसी भी मंदिर के समान व्यवहार होना चाहिए…और रामजन्मभूमि मस्जिद के बराबर (इक्वल) है।

भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी की दो रथयात्राओं की ओर इशारा करते हुए धवन ने पीठ से कहा कि बाबरी मस्जिद के ध्वंस के लिए एक कठोर, नियोजित और सुविचारित प्रयास किया गया था।

अदालत ने कहा कि अगर वह 1994 के फैसले पर फिर से विचार का फैसला लेती है तो यह इस सिद्धांत पर आधारित होगा कि क्या मस्जिद इस्लामी धार्मिक व्यवहार का अभिन्न हिस्सा है।

मामले में अगली सुनवाई पांच अप्रैल को होगी जब धवन अदालत को बताएंगे कि इस्लाम के अनुसार मस्जिद का क्या अर्थ है।

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टेनिस : दुबई चैम्पियनशिप में सितसिपास ने मोनफिल्स को हराया

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 दुबई, 1 मार्च (आईएएनएस)| ग्रीस के युवा टेनिस खिलाड़ी स्टेफानोस सितसिपास ने शुक्रवार को दुबई ड्यूटी फ्री चैम्पियनशिप के पुरुष एकल वर्ग के सेमीफाइनल में फ्रांस के गेल मोनफिल्स को कड़े मुकाबले में मात देकर फाइनल में प्रवेश कर लिया।

  वर्ल्ड नंबर-11 सितसिपास ने वर्ल्ड नंबर-23 मोनफिल्स को कड़े मुकाबले में 4-6, 7-6 (7-4), 7-6 (7-4) से मात देकर फाइनल में प्रवेश किया।

यह इन दोनों के बीच दूसरा मुकाबला था। इससे पहले दोनों सोफिया में एक-दूसरे के सामने हुए थे, जहां फ्रांस के खिलाड़ी ने सीधे सेटों में सितसिपास को हराया था। इस बार ग्रीस के खिलाड़ी ने दो घंटे 59 मिनट तक चले मुकाबले को जीत कर मोनफिल्स से हिसाब बराबर कर लिया।

फाइनल में सितसिपास का सामना स्विट्जरलैंड के रोजर फेडरर और क्रोएशिया के बोर्ना कोरिक के बीच होने वाले दूसरे सेमीफाइनल के विजेता से होगा। सितसिपास ने साल के पहले ग्रैंड स्लैम आस्ट्रेलियन ओपन में फेडरर को मात दी थी।

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