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अन्तर्राष्ट्रीय

एच-1बी वीजाधारकों के जीवनसाथी भी अब अमेरिका में कर सकेंगे काम

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वाशिंगटन। भारतीय इंजीनियरों को बड़ी राहत देते हुए अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) ने घोषणा की है कि देश में मौजूदा एच-1बी वीजा और अन्य वीजा धारकों के जीवनसाथी 26 मई से इस देश में काम कर सकेंगे। नए नियम के मुताबिक, एच-4 वीजा धारक को 26 मई से रोजगार अधिकार संबंधित आवेदन पत्र भरना होगा।

यूएससीआईएस की घोषणा के अनुसार, “घरेलू सुरक्षा विभाग (डीएसएस) एच-1बी वीजा धारकों पर निर्भर उन खास एच-4 वीजा धारक जीवनसाथियों को रोजगार पाने की योग्यता प्रदान करता है, जो रोजगार आधारित कानून सम्मत स्थायी निवास (एलपीआर) के दर्जे की मांग कर रहे हैं।” एच-4 वीजा एच-1बी वीजा धारकों, अन्य वीजा धारकों के जीवनसाथियों को दिए जाते हैं। मौजूदा समय में एच-4 वीजा धारक कोई नौकरी नहीं कर सकते या फिर किसी तरह की सामाजिक सुरक्षा हासिल नहीं कर सकते।

अधिकांश भारतीयों को एच-1बी वीजा दिया जाता है, जिनमें से अधिकतर विज्ञान, प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग सेवा में कार्यरत होते हैं। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के अनुसार, वर्ष 2013 में 96,753 लोगों को एच-4 वीजा दिया गया था, जिनमें से 76 फीसदी दक्षिण एशिया से ताल्लुक रखते हैं।

यूएससीआईएस के अनुमान के मुताबिक, 1,79,600 लोग इस साल आवेदन कर सकते हैं और इसके बाद हर साल 55,000 लोग आवेदन कर सकते हैं। यूएससीआईएस के निदेशक लीएन रॉड्रिग्ज ने कहा, “इन वीजा धारकों के जीवनसाथियों को अमेरिका में कानूनी रूप से काम करने का अधिकार देना उचित है।” रॉड्रिग्ज ने कहा कि यह व्यवस्था उन खास परिवारों को अधिक आर्थिक स्थायित्व और गुणवत्तापूर्ण जीवन प्रदान करेगा।

यूएससीआईएस ने कहा है कि एच-4 वीजा धारकों को काम करने की अनुमति देना राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा नवंबर में घोषित विशिष्ट कार्ययोजना का महत्वपूर्ण हिस्सा है। रिपब्लिकन के बहुमत वाले कांग्रेस में इसका विरोध हुआ था, लेकिन इस योजना का उद्देश्य अमेरिका की आव्रजन प्रणाली को दुरुस्त करना और 50 लाख अवैध प्रवासियों की हिफाजत करना है।

IANS News

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।

इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।

इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

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