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एनएसए वार्ता खतरे में, चेतावनी के बावजूद जिद पर अड़ा पाकिस्तान

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नई दिल्ली/इस्लामाबाद। भारत और पाकिस्तान के बीच 23 अगस्त को प्रस्तावित राष्ट्रीय सुरक्षा स्तर की वार्ता पर खतरे के बादल मंडराते नजर आ रहे हैं। पाकिस्तान जहां इस वार्ता से पहले अपने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज की नई दिल्ली में कश्मीरी अलगाववादी नेताओं से मुकलात पर अड़ा है, वहीं भारत ने चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि यह उचित नहीं होगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि अजीज की अलगाववादी नेताओं के साथ होने वाली इस मुलाकात को लेकर भारत की ओर से पाकिस्तान को गुरुवार को ही चेताया जा चुका है।

उन्होंने कहा कि ऐसी मुलाकात आतंकवाद का मिलकर सामने करने के ऊफा (रूस) समझौते की भावना और निष्ठा के अनुरूप नहीं होगी। स्वरूप ने एक बयान में कहा, “हमने पाकिस्तान से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की वार्ता के लिए अपने प्रस्तावित एजेंडे की पुष्टि की भी मांग की है। इस एजेंडे से पाकिस्तानी पक्ष को 18 अगस्त, 2015 को अवगत करा दिया गया था।”

इस बीच, इस्लामाबाद में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की अध्यक्षता में एक उच्च-स्तरीय बैठक में अजीज-डोवाल वार्ता को लेकर विचार-विमर्श हुआ। बैठक में सेना प्रमुख जनरल राहिल शरीफ भी मौजूद थे। कश्मीरी अलगाववादी नेताओं का कहना है कि उन्हें पाकिस्तान के उच्चायोग से अजीज से मुलाकात का निमंत्रण मिला है। वहीं, पाकिस्तानी अधिकारियों का कहना है कि इस मुलाकात के कार्यक्रम में कोई तब्दीली नहीं होगी। भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने 23 अगस्त को होने वाली वार्ता से पहले कश्मीरी अलगाववादी नेताओं को मुलाकात के लिए बुलाया है। इनमें सैयद अली शाह गिलानी और मीरवाइज उमर फारूक की अगुवाई वाले हुर्रियत कांफ्रेंस के दोनों धड़ों के नेता और यासीन मलिक एवं नईम खान जैसे अन्य अलगाववादी नेता भी शामिल हैं।

ऊफा (रूस) में 10 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ के बीच वार्ता हुई थी। दोनों मुल्कों ने संयुक्त बयान जारी कर आतंकवाद-संबंधी मुद्दों को लेकर नई दिल्ली में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की वार्ता रखने की बात कही थी। सरताज अजीज 23 अगस्त को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली आएंगे और उसी शाम उनका यहां पाकिस्तान के उच्चायुक्त के आवास ‘पाकिस्तान हाउस’ में एक समारोह में हुर्रियत नेताओं से मिलने का कार्यक्रम है।

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता काजी खलीलुल्लाह ने गुरुवार को कहा था, “इस तरह की मुलाकातों में कुछ भी असामान्य नहीं है। पाकिस्तान के लिए भारत के साथ उच्च स्तरीय बैठकों से पहले हुर्रियत नेताओं के साथ मंत्रणा एक आम बात है।”

वहीं, शुक्रवार को कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने पाकिस्तान को लेकर भारत सरकार के ढुलमुल रवैये की आलोचना करते हुए कहा, “सरकार खुद को उल्लू बनवा रही है।” उन्होंने कहा, “अजीज और पाकिस्तान जैसा बर्ताव कर रहे हैं, उससे स्पष्ट है कि पाकिस्तान की बातचीत में दिलचस्पी नहीं है। अजीज ने अब तक अपने यात्रा संबंधी कार्यक्रम की जानकारी भी नहीं भेजी है।” वहीं, अन्य कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री आर.पी.एन. सिंह ने केंद्र सरकार की नीति को ढुलमुल करार देते हुए कहा, “इससे पाकिस्तान को कड़ा संदेश नहीं मिलेगा।”

नेशनल

हिंदू राष्ट्र बनाना है तो हर भेद को मिटाकर हर सनातनी को गले से लगाना होगा -“पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री”

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राजस्थान। राजस्थान के भीलवाड़ा में बुधवार (6 नवंबर) से पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की पांच दिवसीय हनुमंत कथा शुरू हुई. यहां बागेश्वर सरकार अपने मुखारविंद से भक्तों को धर्म और आध्यात्मिकता का संदेश देंगे. छोटी हरणी हनुमान टेकरी स्थित काठिया बाबा आश्रम के महंत बनवारीशरण काठियाबाबा के सानिध्य में तेरापंथनगर के पास कुमुद विहार विस्तार में आरसीएम ग्राउंड में यह कथा हो रही है.

इस दौरान बागेश्वर धाम सरकार ने भी मेवाड़ की पावन माटी को प्रणाम करते हुए सबका अभिवादन स्वीकार किया. हनुमंत कथा कहते हुए बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री महाराज ने हिंदू एकता और सनातन जागृति का संदेश दिया.

उन्होंने कहा, “हनुमानजी महाराज की तरह भेदभाव रहित होकर सबको श्रीरामजी से जोड़ने के कार्य से प्रेरणा लेते हुए सनातन संस्कृति से छुआछूत जातपात के भेदभाव को मिटाना है. अगर हिंदू राष्ट्र बनाना है तो हर भेद को मिटाकर हर सनातनी को गले से लगाना होगा. व्यास पीठ पर आरती करने का हक सभी को है. इसी के तहत भीलवाड़ा शहर के स्वच्छताकर्मी गुरुवार को व्यास पीठ की आरती करेंगे.”

हिंदू सोया हुआ है

बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि वर्तमान समय में हिंदू की बुरी दशा है। कुंभकर्ण के बाद कोई सोया है तो वह हिंदू सोया है। अब हिंदुओं को जागना होगा और घर से बाहर निकलना होगा। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि हमारे तन में जब तक प्राण रहेंगे तब तक हम हिंदुओं के लिए बोलेंगे, हिंदुओं के लिए लड़ेंगे। अब हमने विचार कर लिया है कि मंच से हिंदू राष्ट्र नहीं बनेगा। उन्होंने कहा कि हमें ना तो नेता बनना है ना किसी पार्टी को वोट दिलाना है। हम बजरंगबली की पार्टी में है, जिसका नारा भी है- जो राम का नहीं वह किसी काम का नहीं।

 

 

 

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