अन्तर्राष्ट्रीय
एनवाईयू के पत्रकारिता संकाय में शामिल होंगे सलमान रुश्दी
वाशिंगटन| अपने उपन्यास ‘मिडनाइट्स चिल्ड्रेन’ के लिए वर्ष 1981 में बुकर पुरस्कार जीतने वाले लेखक सलमान रुश्दी न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी (एनवाईयू) के पत्रकारिता के छात्रों को शिक्षा देंगे। एनवाईयू में पत्रकारिता के एसोसिएट प्रोफेसर सुकेतू मेहता ने पिछले सप्ताह ट्विटर पर बताया कि रुश्दी यूनिवर्सिटी के आर्थर एल. कार्टर जर्नलिज्म इंस्टीट्यूट में पांच साल अपनी सेवाएं देंगे।
उन्होंने लिखा, “मशहूर लेखक सलमान रुश्दी एनवाईयू की पत्रकारिता संकाय में शामिल हो रहे हैं। मैं वास्तव में बहुत खुश हूं।”
जवाब में रुश्दी ने मेहता को धन्यवाद देते हुए एक पोस्ट में लिखा, “सुकेतू यह काम आपने शुरू किया है, देखो यह कहां खत्म होता है। शुक्रिया।”
एनवाईयू में पत्रकारिता और पीडियाट्रिक्स की प्रोफेसर पेरी क्लास द्वारा एनवाईयू स्टाफ और संकाय को भेजी गई एक ईमेल में इसकी घोषणा की गई और रुश्दी को कुशाग्र प्रतिभावान लेखक और एक प्रमुख बुद्धिजीवी बताया गया।
घोषणा में कहा गया, “श्रीमान रुश्दी पत्रकारिता संस्थान के मिशन की मिसाल हैं। वह पत्रकारिता के और उससे परे हमारे स्थानीय समुदाय को जानकारी दने के लिए हमारे प्रतिभाशाली लेखकों, संवाददाताओं, निर्माताओं और आलोचकों की रैंक में शामिल होंगे।”
ब्रिटिश रॉयल सोसाइटी ऑफ लिटरेचर और अमेरिकन एकेडमी ऑफ आर्ट्स एंड लेटर्स के फेलो सलमान भारत में क्रॉसवर्ड बुक पुरस्कार जीत चुके हैं। वह सर्वश्रेष्ठ उपन्यास के लिए दो बार व्हाइटब्रेड पुरस्कार हासिल कर चुके हैं। उन्हें राइटर्स गिल्ड अवार्ड, द जेम्स टैट ब्लैक पुरस्कार, और यूरोपीय संघ का अरिस्तयन पुरस्कार सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।
साहित्य में सेवाओं के लिए 1997 में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय द्वारा उन्हें नाइट की उपाधि से भी सम्मानित किया जा चुका है।
इसके अलावा उनके पास छह यूरोपीय और छह अमेरिकी विश्वविद्यालयों से डाक्टरेट की डिग्री और फेलोशिप है। वह एमआईटी में मानविकी के मानद प्रोफेसर हैं। इसके साथ ही वह एमोरी यूनिवर्सिटी में भी प्रोफेसर हैं।
IANS News
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।
इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।
इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।
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