Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

बिजनेस

एशिया में बाहरी झटकों से उबरने की क्षमता

Published

on

Loading

चेन्नई| वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर सर्विसेज के अनुसार, साल 2015 में वृहद वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के प्रति एशिया का रुख लचीला रहेगा। साथ ही इसमें बाहरी झटकों से उबरने की क्षमता होगी। मूडीज ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में बाहरी झटकों के प्रति एशिया कम संवेदनशील है और विश्व के कई क्षेत्रों की तुलना में इसके मूलभूत तत्व ज्यादा बेहतर हैं।

मूडीज के मुख्य क्रेडिट अधिकारी माइकल टेलर ने कहा, “यूरोपीय क्षेत्र तथा जापान में विकास दर धीमी रहने और चीन में जारी आर्थिक सुस्ती का असर अमेरिका में बेहतर संभावनाओं पर भी पड़ा है और इसलिए वैश्विक विकास दर सुस्त है।”

मूडीज के मुताबिक, 2015 की वैश्विक चुनौतियों में अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा मौद्रिक नीति को सामान्य बनाने के लिए कदम उठाना, कमोडिटीज की कम कीमतें तथा चीन का पुर्नसतुलन शामिल है।

हालांकि 2015 में मूडीज को एशिया प्रशांत क्षेत्र में सामान्य पूंजी निवेश की उम्मीद है। मूडीज के मुताबिक विदेशी कर्ज लागत ऐतिहासिक मानदंडों से नीचे ही बनी रहेगी।

रेटिंग एजेंसी के मुताबिक, तेल आयातक के रूप में एशिया की स्थिति और सरकार द्वारा सब्सिडी कम करने के अवसर से स्पष्ट है कि कच्चे तेल की घटती कीमतें इस क्षेत्र के लिए सकारात्मक है।

हालांकि मूडीज ने आगामी साल के लिए चार मुख्य जोखिम बताए हैं। इसमें चीन में संपत्ति की कीमतों में उम्मीद से ज्यादा गिरावट, कुछ क्षेत्रों को अधिक लाभ, नई यूरो क्षेत्र से संबंधित चिंताएं और वैश्विक वित्तीय बाजार में अस्थिरता में बढ़ोतरी शामिल है।

मूडीज ने कहा कि यदि 2015 के दौरान ब्याज दरों में इजाफा किया गया तो मलेशिया, थाईलैंड, सिंगापुर और अन्य एशियाई देशों के कुछ क्षेत्रों में जीडीपी अनुपात के समकक्ष घरेलू कर्ज एक चिंता बन सकती है।

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

Published

on

Loading

नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

Continue Reading

Trending