Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

एससी/एसटी अधिनियम मामले में पूरी क्षमता से पक्ष रखेगी सरकार : प्रसाद

Published

on

Loading

नई दिल्ली, 2 अप्रैल (आईएएनएस)| अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम को कमजोर करने वाले सर्वोच्च न्यायालय के हाल के फैसले के खिलाफ सोमवार को भड़के देशव्यापी आंदोलन के बाद केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि सरकार पूरी क्षमता के साथ सर्वोच्च न्यायालय में इस मुद्दे पर बहस करेगी और फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए न्यायालय से आग्रह करेगी।

उन्होंने इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने के लिए कांग्रेस पर हमला किया। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार हमेशा से उपेक्षित वर्ग के समर्थन में रही है और भाजपा ने ही देश को दलित राष्ट्रपति दिया है।

उन्होंने कहा, हमने सर्वोच्च न्यायालय में आज (सोमवार) एक समीक्षा याचिका दायर की है।

प्रसाद ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की तरफ से व्यापक समीक्षा याचिका दायर की गई है और सरकार माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इस निर्णय के लिए दिए गए कारण से सहमत नहीं है।

उन्होंने कहा, जहां तक फैसले का सवाल है, उसपर पुनर्विचार के लिए सरकार के वरिष्ठ अधिवक्ता सर्वोच्च न्यायालय में अपना पक्ष रखेंगे।

प्रसाद ने विपक्ष पर हमला किया, कुछ लोग बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के नाम पर राजनीति कर रहे हैं, लेकिन देश जानता है कि डॉ. आंबेडकर को सच्चा सम्मान किसने दिया है। आज, कांग्रेस शोर कर रही है। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि आंबेडकर को भारत रत्न कब मिला था।

उन्होंने कहा, साल 1990 में भाजपा समर्थित वी.पी. सिंह की सरकार ने बाबा साहेब को भारत रत्न से सम्मानित किया था। मोरारजी देसाई के दो वर्ष के कार्यकाल को छोड़ दें तो उन्होंने 1956 से 1989 तक देश पर राज किया। तब उन्हें भारत रत्न क्यों नहीं दिया? आज कांग्रेस हमसे सवाल कर रही है। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के सांसद और विधायक भाजपा में हैं।

उन्होंने दावा किया कि केंद्र की भाजपा सरकार और अन्य राज्यों में भाजपा की सरकारें पिछड़े समुदायों के भले के लिए काम कर रही हैं। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद्र गहलोत ने उनके भले के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं।

उन्होंने कहा, भाजपा की सरकार ने एक सम्मानित दलित नेता को को देश का राष्ट्रपति बना दिया। इससे दलितों के लिए हमारी प्रतिबद्धता दिखती है।

सर्वोच्च न्यायालय ने 20 मार्च को आदेश दिया कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अधिनियम के अंतर्गत आरोपी को तत्काल गिरफ्तार करना जरूरी नहीं होगा। प्राथमिक जांच और सक्षम अधिकारी की स्वीकृति के बाद ही दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दलों के दबाव और विपक्षी दलों के विरोध के बीच सरकार ने सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय में इस मामले पर पुनर्विचार याचिका दायर की है।

Continue Reading

नेशनल

मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

Published

on

Loading

नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।

गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।

शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।

 

Continue Reading

Trending