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ओडिशा : पटनायक ने सूखे से निपटने के उपायों का ऐलान किया

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भुवनेश्वर। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने गुरुवार को राज्य में सूखे से निपटने के लिए कई उपायों की घोषणा की, जिनमें एक प्रतिशत के ब्याज पर कर्ज सहायता और खरीफ के मौसम में धान की खरीद के लिए 100 रुपये प्रति क्विंटल की अतिरिक्त सहायता शामिल है।

मुख्यमंत्री ने सूखे से निपटने के लिए केंद्र सरकार की कथित तौर पर आर्थिक सहायता न देने के लिए भी निंदा की, जबकि ओडिशा सरकार ने इसके लिए 1,000 करोड़ रुपये की राशि अनुमोदित की है। पटनायक ने कहा कि अगले पांच वर्षो में पश्चिमी ओडिशा के विकास के लिए 35,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जिसमें से 80 फीसदी कृषि के विकास में खर्च किया जाएगा। सरकार ने छोटे, मध्यम और सीमांत किसानों के लिए एक प्रतिशत के ब्याज पर कर्ज सहायता की भी घोषणा की है।

पटनायक ने पश्चिमी ओडिशा के बरगढ़ जिला में स्थित सोलेहा में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल द्वारा आयोजित एक किसान सम्मेलन में घोषणा की। पटनायक ने कहा, “मेरी सरकार ने किसानों के मुद्दों को गंभीरता से लिया है। मैंने सांसदों, विधायकों और अन्य नेताओं को किसानों से मुलाकात करने और उनकी समस्याएं दूर करने के लिए कहा है।”

मुख्यमंत्री ने विपक्ष की ओर से ‘मगरमच्छी आंसू बहाने’ और संवाददाता सम्मेलनों में सरकार की आलोचना करने की निंदा की। पटनायक ने विपक्षी दलों को किसानों के मुद्दों का राजनीतिकरण न करने को कहा। पटनायक ने कहा, “मेरी सरकार काम में विश्वास रखती है, बातों में नहीं। लेकिन विपक्ष केवल शब्दों और बयानबाजी में विश्वास रखता है। टीवी कैमरों के सामने पदयात्राएं और संवाददाता सम्मेलन करता है।”

पटनायक ने कहा, “ओडिशा हर दूसरे साल प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित होता है। पिछले पांच वर्षो में उसने फेलिन, हुदहुद, सूखा और असमय वर्षा जैसी प्राकृतिक आपदाएं झेली हैं। राज्य सरकार इनसे भारी नुकसान उठाती रही है। केंद्र ने राज्य को विशिष्ट दर्जा देने की हमारी मांग को नजरअंदाज कर दिया है।”

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बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या पर कर्नाटक में FIR दर्ज, फेक न्यूज फैलाने का है आरोप

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बेंगलुरु। बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या पर कर्नाटक में एफआईआर दर्ज हुई है। तेजस्वी पर एक किसान की आत्महत्या के मामले को वक्फ बोर्ड के साथ भूमि विवाद से जोड़कर फर्जी खबर फैलाने का आरोप है। पुलिस ने स्पष्ट किया कि किसान की आत्महत्या का कारण कर्ज और फसल खराबी था, न कि जमीन का विवाद। इस मामले ने कर्नाटक में राजनीति को गरमा दिया है।

हावेरी जिले के पुलिस अधीक्षक ने इस मामले में बताया कि किसान की मौत जनवरी 2022 में हुई थी। उन्होंने कहा कि किसान ने आत्महत्या की वजह कर्ज और फसल नुकसान बताया गया था। पुलिस ने मामले की जांच पूरी करके रिपोर्ट भी प्रस्तुत कर दी थी। सूर्या की पोस्ट के बाद इस घटना को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई, और सोशल मीडिया पर चर्चाएं शुरू हो गईं।

कन्नड़ न्यूज पोर्टल के संपादकों पर भी FIR दर्ज

इस मामले में केवल तेजस्वी सूर्या ही नहीं, बल्कि दो कन्नड़ न्यूज़ पोर्टल के संपादकों के खिलाफ भी FIR दर्ज की गई है। इन पोर्टल्स ने एक हेडलाइन में दावा किया कि किसान की आत्महत्या वक्फ बोर्ड के भूमि विवाद से जुड़ी थी। पुलिस का कहना है कि इस प्रकार की गलत जानकारी किसानों में तनाव फैला सकती है और इसीलिए मामला दर्ज किया गया है।

वहीँ एफआईआर दर्ज होने के बाद तेजस्वी सूर्या ने इसपर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि हाल ही में वक्फ भूमि के नोटिसों ने किसानों के बीच चिंता बढ़ाई है, जिसके चलते उन्होंने प्रारंभिक रिपोर्ट पर विश्वास किया।

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