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खेल-कूद

ओलिम्पिक में स्वर्ण जीतने वाली देश की पहली महिला बनना है लक्ष्य : निखत

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ओलिम्पिक में स्वर्ण जीतने वाली देश की पहली महिला बनना है लक्ष्य : निखत

हरिद्वार | जूनियर महिला चैम्पियनशिप का खिताब जीत सभी की नजरों में आने वाली तेलंगाना की मुक्केबाज निखत जरीन ने तब से पीछे मुड़कर नहीं देखा है। वह लगातार अपने खेल को बेहतर करते हुए आगे बढ़ रहीं हैं।

अपने शानदार सीधे पंचों के लिए मशहूर निखत वह करना चाहती हैं जो उनके प्रदेश से आने वाली सानिया मिर्जा, सायना नेहवाल और मुक्केबाजी में देश को प्रतिष्ठा दिलाने वाली मैरी कॉम अब तक नहीं कर पाई हैं। निखत का लक्ष्य ओलम्पिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनना है।

यहां जारी सीनियर महिला मुक्केबाजी राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में हिस्सा ले रहीं निखत ने  कहा कि उनका अब एक ही लक्ष्य है। वह ओलम्पिक में स्वर्ण हासिल कर इतिहास रचना चाहती हैं।

निखत ने कहा, “मेरा सिर्फ एक ही लक्ष्य है, टोक्यो ओलम्पिक-2020 में स्वर्ण पदक जीतना। मुझे भारत के लिए ओलम्पिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली महिला बनना है। अगर मैं ऐसा कर पाई तो हर ओलम्पिक तक मेरा नाम रहेगा। मैं बूढ़ी भी हो जाऊंगी तो लोग याद रखेंगे की ओलम्पिक में निखत भारत के लिए स्वर्ण हासिल करने वाली पहली महिला थीं।”

51 किलोग्राम भारवर्ग में खेलने वाली निखत ने मैरी कॉम के साथ विश्व चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया था, हालांकि वह क्वार्टर फाइनल में चीनी प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ हार गई थीं। निखत रियो ओलम्पिक क्वालीफाइंग में 54 किलोग्राम भारवर्ग में गई थीं क्योंकि 51 किलोग्राम भारवर्ग में मैरी कॉम थीं। निखत का कहना है कि वह इस बार कोई कमी नहीं छोड़ेंगी।

उन्होंने कहा, “मैं अब तक अपने प्रदर्शन से खुश हूं। लेकिन अगली बार ऐसा नहीं होगा मैं अपनी पूरी कोशिश करुंगी और पूरी तैयारी करूंगी ओलम्पिक में जाने के लिए।”

जेएसडब्ल्यू स्पोर्ट्स निखत को इस समय प्रायोजित कर रहा है। हालांकि उनके मुक्केबाजी करियर की शुरुआत की कहानी दूसरों से अलग है। वह इससे पहले एथलेटिक्स में 100 मीटर और 200 मीटर में कई प्रतिस्पर्धा खेल चुकी हैं, लेकिन एक वाकये ने उन्हें रिंग में पहुंचा दिया।

अपनी इस अलग शुरुआत के बारे में निखत बताती हैं, “मैं एथलेटिक्स ट्रेनिंग के लिए गई थी। मैंने वहां खेले जा रहे अर्बन खेलों में देखा की हर खेल में लड़कियां हैं लेकिन मुक्केबाजी में नहीं। मैंने अपने पिता से पूछा कि क्या मुक्केबाजी लड़कियों का खेल नहीं है, तो उन्होंने कहा कि नहीं ऐसा नहीं है, लेकिन हमारे यहां कौन अपनी लड़की को बॉक्सिंग में डालेगा? इसके बाद मैंने अपने पिता से कहा कि मैं मुक्केबाजी करुंगी।”

2009 से मुक्केबाजी की शुरुआत करने वाली निखत ने खेल को समझने और महारत हासिल करने में ज्यादा समय नहीं लिया और एक साल बाद ही 2010 में जूनियर राष्ट्रीय चैम्पिनशिप में स्वर्ण पदक और सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाज का तमगा हासिल कर अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया।

उनके लगातार अच्छे प्रदर्शन ने उन्होंने जूनियर विश्व चैम्पियनशिप का टिकट दिलाया और निखत ने वहां भी स्वर्ण पदक हासिल देश का नाम रोशन किया।

बीए अंतिम वर्ष की छात्र निखत पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पातीं, लेकिन समय मिलने पर वह कॉलेज जरूर जाती हैं। उनकी प्रथमिकता मुक्केबाजी है। सुबह तीन घंटे और शाम को तीन घंटे अभ्यास करने वाली निखत राष्ट्रमंडल खेलों में अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहती हैं।

मुस्लीम समुदाय से ताल्लुक रखने वाली निखत को आत में शुरुआत में अपने परिवार के कुछ लोगों की खिलाफत का भी सामना करना पड़ा। परिवार के कुछ सदस्यों का कहना था कि मुक्केबाजी में कोई भविष्य नहीं है, लेकिन निखत ने अपने शानदार खेल से उन्हें गलत साबित कर दिया। निखत ने कहा कि वह अपने समुदाय की दूसरी सानिया मिर्जा बनना चाहती हैं।

निखत बताती हैं, “मैं मुस्लीम समुदाय से आती हूं और जब मैं शुरुआत कर रही थी तो मेरे परिवार वालों का कहना था कि मुक्केबाजी में जाने से क्या फायदा, उसमें कोई भविष्य नहीं है। लेकिन मैंने सबको गलत साबित किया कि मुक्केबाजी में भविष्य है और इसे लड़कियां और मुस्लीम समुदाय की लड़कियां भी कर सकती हैं। सानिया मिर्जा ने भी हमारे हैदराबाद और समुदाय का नाम ऊंचा किया है। मैं भी अपने समुदाय में दूसरी सानिया मिर्जा बनना चाहती हूं और अपना नाम हमेशा के लिए कायम करना चाहती हूं।”

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खेल-कूद

IND VS AUS: पर्थ में भारतीय गेंदबाजों का कहर, बैकफुट पर ऑस्ट्रेलिया, 67 रनों पर गंवाए 7 विकेट

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नई दिल्ली। पर्थ टेस्ट में भारतीय गेंदबाजों ने ऑस्ट्रेलिया को बैकफुट पर धकेल दिया है। भारत के पहली पारी में 150 रनों के जवाब में ऑस्ट्रेलियाई टीम सात विकेट खोकर 67 रन ही बना पाई है। ऑस्ट्रेलिया की शुरुआत खराब रही थी। तीसरे ही ओवर में बुमराह ने नाथन मैकस्वीनी को एल्बीडब्ल्यू आउट किया। वह 10 रन बना सके। इसके बाद बुमराह ने उस्मान ख्वाजा को कोहली के हाथों कैच कराया, फिर अगली ही गेंद पर स्टीव स्मिथ को एल्बीडब्ल्यू आउट किया। ख्वाजा आठ रन और स्मिथ खाता नहीं खोल सके। ट्रेविस हेड को डेब्यू कर रहे तेज गेंदबाज हर्षित राणा ने क्लीन बोल्ड किया। वह 11 रन बना सके। वहीं, मिचेल मार्श छह रन बनाकर मोहम्मद सिराज का शिकार बने। सिराज ने इसके बाद लाबुशेन को एल्बीडब्ल्यू किया। वह 52 गेंद में दो रन बना सके। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस को भारतीय कप्तान बुमराह ने पंत के हाथों कैच कराया। वह तीन रन बना सके। फिलहाल एलेक्स कैरी 19 रन और मिचेल स्टार्क छह रन बनाकर नाबाद हैं। बुमराह के अलावा मोहम्मद सिराज ने दो विकेट लिए, जबकि हर्षित राणा को एक विकेट मिला।

भारतीय पारी

पर्थ के मैदान पर टीम इंडिया के बल्लेबाजी क्रम की एक बार फिर पोल खुल गई। 49.4 ओवर खेलकर ही भारत की पूरी टीम सिर्फ 150 रन बनाकर ढेर हो गई। टीम के छह बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा पार नहीं कर सके। टीम इंडिया की शुरुआत ही बेहद खराब हुई। यशस्वी जायसवाल बिना खाता खोले ही मिचेल स्टार्क की गेंद पर पवेलियन लौट गए। देवदत्त पडिक्कल ने 23 गेंदों का सामना किया, लेकिन वो अपने नाम के आगे एक रन तक नहीं लिखवा सके। नंबर चार पर बल्लेबाजी करने उतरे विराट कोहली से फैन्स को काफी उम्मीदें थीं। हालांकि, विराट का किस्मत ने एक बार फिर साथ नहीं दिया और वह जोश हेजलवुड के हाथ से निकली बेहतरीन गेंद पर अपना विकेट गंवा बैठे। भोजनकाल से पहले 23वें ओवर में मिचेल स्टार्क ने के एल राहुल (26) को आउट कर भारत को बड़ा झटका दिया।

लंच के बाद चार विकेट पर 51 रन के आगे खेलने उतरी भारतीय टीम दूसरे सेशन में 24.4 ओवर में मात्र 99 रन ही जोड़ पाई और बचे हुए बाकी विकेट गवां दिये। 59 के स्कोर पर भारतीय टीम को पांचवां झटका लगा। मिचेल मार्श ने ध्रुव जुरेल को मार्नस लाबुशेन के हाथों कैच आउट कराया। जुरेल 11 रन बनाकर आउट हुए।

इसके बाद वॉश‍िंगटन सुंदर मात्र चार रन बनाकर म‍िचेल मार्श की गेंद पर व‍िकेटकीपर एलेक्स कैरी को कैच थमा बैठे। भारत ने छह विकेट गिरने के बाद ऑलराउंडर नीतीश कुमार रेड्डी बल्लेबाजी करने आए और उन्होंने ऋषभ पंत के साथ छठे विकेट के लिए 48 रन जोड़े। भारत को सातवां झटका ऋषभ पंत के रूप में लगा। वह 37 रन बनाकर पैट कम‍िंंस की गेंद पर दूसरी स्ल‍िप में खड़े स्टीव स्म‍िथ को कैच थमा बैठे।
इसके बाद हर्ष‍ित राणा मात्र 7 रन बनाकर जोश हेजलवुड की गेंद पर मार्नस लॉबुशेन को कैच थमा बैठे। भारत का नौवां विकेट जसप्रीत बुमराह के रूप में गिरा, जो जोश हेजलवुड की गेंद पर विकेटकीपर कैरी को कैच थमा बैठे। वहीं आखिरी विकेट नीतीश रेड्डी का गिरा। रेड्डी को पैट कमिंस ने उस्मान ख्वाजा के हाथों कैच आउट कराया।

 

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