नेशनल
कविताएं समाज को प्रभावित करती हैं : मदन कश्यप
पटना, 10 दिसंबर (आईएएनएस)| समकालीन जनवादी कवियों में शुमार कवि मदन कश्यप का कहना है कि ‘जिस चीज को हम नहीं भी जानते हैं, वह भी हमें प्रभावित करती है क्यूंकि प्रभावित करने की गुणवत्ता उसकी अपनी होती है।’
उन्होंने कहा कि जब तक समाज में संघर्ष, आंदोलन, करुणा, वेदना, उत्पीड़न है तब तक कविताएं भी हैं। उनका मानना है कि भले ही कविताओं को हम न जानें मगर कविताएं समाज को प्रभावित करती हैं।
दिल्ली से पटना पुस्तक मेले में शिरकत करने आए वरिष्ठ कवि मदन कश्यप ने आईएएनएस के साथ विशेष बातचीत में कहा कि कविता में शोषितों और मजलूमों की आवाज होनी चाहिए। उन्होंने माना कि प्रगतिवाद का जो स्तंभ नागार्जुन जैसे कवियों ने स्थापित किया उसे नई पीढ़ी के कवि और मजबूत नहीं कर पा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि नागार्जुन और दिनकर की कविताएं आज भी लोगों को प्रभावित करती हैं। नए कवियों की भी कई अच्छी कविताएं हैं जो प्रभावित करती हैं।
कश्यप ने कहा, कविता के प्रभाव पुराने ढांचे के आधार से हम आज की कविताओं का मूल्यांकन नहीं कर सकते। आज हम कविताओं का मूल्यांकन इस आधाार पर कर सकते हैं कि समय की क्रूर सच्चाइयों को कविताएं कितना गहराई के साथ व्यक्त कर पा रही हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि कई कविताएं ऐसी भी होती हैं कि बिना लोकप्रिय हुए भी समाज को प्रभावित करती हैं। उन्होंने चर्चित कवि मुक्तिबोध की चर्चा करते हुए कहा कि उनकी कविता बिना लोकप्रिय हुए भी समाज में अपनी भूमिका निभाती है।
एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा, राजनीति का सीधा प्रभाव साहित्य में नहीं पड़ता है पर राजनीति का प्रभाव जीवन पर पड़ता है। अगर जीवन पर प्रभाव पड़ेगा तो उसका प्रभाव साहित्य पर भी पड़ता है। भ्रष्टाचार, नक्सलवाद, भूख, गरीबी जैसी कई चीजें हैं, जिसका प्रभाव जीवन पर पड़ता है और इन सभी चीजों का प्रभाव साहित्य पर पड़ेगा।
कविता के अलावा वैचारिक लेखन तथा सामाजिक आंदोलनों में सक्रिय भागीदारी निभाने वाली शख्सियत के रूप में जाने जाने वाले कश्यप की प्रमुख कृतियों में ‘लेकिन उदास है पृथ्वी’, ‘नीम रौशनी में’, ‘कुरूज’, ‘दूर तक चुप्पी’, ‘अपना ही देश’ प्रमुख हैं। कविताओं का चयन ‘कवि ने कहा’ श्रृंखला भी कश्यप की काफी चर्चित रही है।
वर्ष 2009 में समाकालीन हिंदी कविता का चर्चित केदार सम्मान, प्रतिष्ठित ‘शमशेर सम्मान’, बनारसी प्रसाद ‘भोजपुरी’ सम्मान सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित कवि कश्यप का कहना है कि पुरस्कार साहित्यकारों के लिए कोई अहमियत नहीं रखता।
मूलगामी काव्य दृष्टि के कवि माने जाने वाले कश्यप कहते हैं, पुरस्कार वाहियात चीज है। पुरस्कार दो स्तर पर हैं। एक वह पुरस्कार जो साहित्यकारों द्वारा साहित्यक प्रेमियों को सम्मान के रूप में दिए जाते हैं, जिसमें ईमानदारी से निर्णय होते हैं, वह तो बहुत जरूरी है। दूसरा, सरकारी पुरस्कार भी है, जो सरकारी संस्थाओं द्वारा दिए जाते हैं उसमें राजनीतिक दृष्टि से चयन होता है। उसमें यह देखा जाता है कि कोई साहित्यकार उनके लिए कितना उपयोगी है उसी आधार पर नाम तय होते हैं।
एक प्रश्न के उत्तर में कश्यप कहते हैं कि बिहार में साहित्य की स्थिति अब अच्छी नहीं है। उनका कहना है, बिहार में जितने विचार हैं, जितने प्रतिरोध हैं, जितने वैचारिक संघर्ष हैं, उसकी तुलना में यहां साहित्य की स्थिति अच्छी नहीं कही जा सकती।
उनका कहना है कि बिहार में सांस्कृतिक गतिविधियां बढ़ाने की जरूरत है, जिससे युवाओं का उत्साह बढ़ेगा।
नेशनल
पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर
नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।
स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,
एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ
कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी
डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।
On the move again, embarking on an exciting 4 nation book tour! 🇮🇳Looking forward to connecting with the vibrant Indian diaspora, celebrating India’s immense potential, and engaging in meaningful conversations. This journey is not just about a book; it’s about storytelling,… pic.twitter.com/dovNotUtOf
— Smriti Z Irani (@smritiirani) November 20, 2024
-
उत्तराखंड3 days ago
उत्तराखंड सरकार ने भू-कानून के उल्लंघन पर अपनाया सख्त रुख
-
उत्तराखंड3 days ago
जगद्गुरु रामभद्राचार्य अस्पताल में भर्ती, सांस लेने में तकलीफ
-
राजनीति3 days ago
महाराष्ट्र विस चुनाव: सचिन ने डाला वोट, बोले- सभी लोग बाहर आकर मतदान करें
-
प्रादेशिक3 days ago
यूपी उपचुनाव : मुजफ्फरनगर जिले की मीरापुर सीट पर बवाल, पुलिस ने संभाला मोर्चा
-
मध्य प्रदेश3 days ago
24 से 30 नवंबर तक यूके और जर्मनी प्रवास पर रहेंगे सीएम मोहन यादव, प्रदेश में निवेश लाना है मकसद
-
अन्य राज्य3 days ago
महाराष्ट्र और झारखंड में वोटिंग करने के लिए पीएम मोदी ने की खास अपील
-
प्रादेशिक3 days ago
नई दिल्ली में भव्य ‘महाकुंभ कॉन्क्लेव’ का आयोजन करेगी योगी सरकार
-
बिहार3 days ago
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार निकालेंगे महिला संवाद यात्रा, 225 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रस्ताव