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कांडला बंदरगाह का नाम दीनदयाल पोर्ट होगा
नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को कंडला बंदरगाह का नाम बदलकर दीनदयाल पोर्ट किए जाने को मंजूरी दे दी। मंत्रिमंडल से जारी बयान के अनुसार, भारत में बंदरगाहों के नाम प्राय: उन शहरों अथवा कस्बों के नाम पर रखे जाते थे, जहां पर ये स्थित है। सरकार ने विशेष मामलों में पर्याप्त रूप से विचार करने के बाद अतीत में बंदरगाहों के नाम बदलकर महान नेताओं के नाम पर रखा है।
बयान में कहा गया, कांडला पोर्ट का नाम ‘दीनदयाल पोर्ट कांडला’ किए जाने से युवा राष्ट्र के इस महानतम सपूत पंडित दीनदयाल उपाध्याय द्वारा किए गए अमूल्य योगदान को याद करते हुए कृतज्ञता प्रकट करेंगे। इससे गुजरात के लोग, विशेषकर युवाजन को प्रेरणा हासिल होगी, जो महान नेताओं द्वारा किए गए योगदान से भली-भांति परिचित नहीं होते।
बयान में कहा गया है कि गुजरात के विभिन्न वर्गो ने, खासकर कच्छ जिले से ‘कांडला बंदरगाह’ का नाम बदलकर ‘दीनदयाल पोर्ट, कांडला’ रखने के लिए मांग की थी।
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हिंदू राष्ट्र बनाना है तो हर भेद को मिटाकर हर सनातनी को गले से लगाना होगा -“पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री”
राजस्थान। राजस्थान के भीलवाड़ा में बुधवार (6 नवंबर) से पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की पांच दिवसीय हनुमंत कथा शुरू हुई. यहां बागेश्वर सरकार अपने मुखारविंद से भक्तों को धर्म और आध्यात्मिकता का संदेश देंगे. छोटी हरणी हनुमान टेकरी स्थित काठिया बाबा आश्रम के महंत बनवारीशरण काठियाबाबा के सानिध्य में तेरापंथनगर के पास कुमुद विहार विस्तार में आरसीएम ग्राउंड में यह कथा हो रही है.
इस दौरान बागेश्वर धाम सरकार ने भी मेवाड़ की पावन माटी को प्रणाम करते हुए सबका अभिवादन स्वीकार किया. हनुमंत कथा कहते हुए बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री महाराज ने हिंदू एकता और सनातन जागृति का संदेश दिया.
उन्होंने कहा, “हनुमानजी महाराज की तरह भेदभाव रहित होकर सबको श्रीरामजी से जोड़ने के कार्य से प्रेरणा लेते हुए सनातन संस्कृति से छुआछूत जातपात के भेदभाव को मिटाना है. अगर हिंदू राष्ट्र बनाना है तो हर भेद को मिटाकर हर सनातनी को गले से लगाना होगा. व्यास पीठ पर आरती करने का हक सभी को है. इसी के तहत भीलवाड़ा शहर के स्वच्छताकर्मी गुरुवार को व्यास पीठ की आरती करेंगे.”
हिंदू सोया हुआ है
बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि वर्तमान समय में हिंदू की बुरी दशा है। कुंभकर्ण के बाद कोई सोया है तो वह हिंदू सोया है। अब हिंदुओं को जागना होगा और घर से बाहर निकलना होगा। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि हमारे तन में जब तक प्राण रहेंगे तब तक हम हिंदुओं के लिए बोलेंगे, हिंदुओं के लिए लड़ेंगे। अब हमने विचार कर लिया है कि मंच से हिंदू राष्ट्र नहीं बनेगा। उन्होंने कहा कि हमें ना तो नेता बनना है ना किसी पार्टी को वोट दिलाना है। हम बजरंगबली की पार्टी में है, जिसका नारा भी है- जो राम का नहीं वह किसी काम का नहीं।
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