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मुख्य समाचार

कुलकर्णी पर हमले की पाकिस्तान के पूर्व मंत्री ने की निंदा

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मुंबई| पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी ने ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के प्रमुख सुधींद्र कुलकर्णी पर स्याही फेंकने की सोमवार को निंदा की। कुलकर्णी पर यह हमला यहां कसूरी की पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम के विरोध में किया गया। कुलकर्णी ने इसका आरोप शिवसेना पर लगाया है। घटना के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में कसूरी ने कहा, “कुलकर्णी पर हुए हमले से मैं बेहद दुखी और नाखुश हूं। मैं उन्हें वर्षो से जानता हूं। मैं इसकी निंदा करता हूं। विरोध करने का अधिकार शांतिपूर्ण होना चाहिए और उन लोगों को विरोध के इस रूप में बदलाव लाना चाहिए।”

कसूरी ने कहा, “मैं शांति का पैगाम लेकर आया हूं। दोनों देशों की अधिकांश आबादी अमन चाहती है। लेकिन कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो भारत-पाकिस्तान के बीच अमन नहीं चाहते।”

उन्होंने कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच रिश्ते मजबूत होने से दोनों देशों की जनता को लाभ होगा।

कसूरी ने पिछले दशक में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी व मनमोहन सिंह के कार्यकाल में दोनों देशों के रिश्तों में आई प्रगति का भी जिक्र किया।

इससे पहले कुलकर्णी ने शिव सेना का नाम लेते हुए कहा था कि उसने नेहरू सेंटर को आयोजन को रद्द करने के लिए कहा था और चेताया था कि ऐसा नहीं करने पर वे शिवसेना की शैली में विरोध करेंगे।

कुलकर्णी ने संवाददाताओं से कहा, “शिवसेना को इस तरह की पाबंदी लगाने का कोई अधिकार नहीं है। हमने मजबूत रुख अपनाया है और आयोजन रद्द नहीं करेंगे।”

सायन पुलिस ने घटना को लेकर अज्ञात लोगों के खिलाफ एक मामला दर्ज किया है और वह मामले की जांच कर रही है।

घटना की कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) व अन्य मीडिया समूहों ने आलोचना की है। साथ ही सोशल मीडिया पर भी लोगों ने गुस्सा जताया है।

यह घटना उस वक्त हुई, जब दक्षिण मध्य मुंबई में सायन स्थित निवास से कुलकर्णी निकल रहे थे। कुछ लोगों ने उन्हें घेर लिया और उनके चेहरे पर काली स्याही पोत दी।

 

उत्तर प्रदेश

सुप्रीम कोर्ट के बुलडोजर एक्शन पर रोक के फैसले का मौलाना अरशद मदनी ने किया स्वागत

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नई दिल्ली। बुलडोजर एक्शन को लेकर सुप्रीम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कानूनी प्रक्रिया अपनाए बिना बुलडोजर एक्शन पर रोक लगा दी है। साथ ही कोर्ट ने यह भी बताया है कि अगर कोई अनधिकृत निर्माण किया गया है तो ऐसे केस में यह फैसला लागू नहीं होगा। कोर्ट ने कहा, घर बनाना संवैधानिक अधिकार है। राइट टू शेल्टर मौलिक अधिकार है।

मौलाना अरशद मदनी ने किया फैसले का स्वागत

कोर्ट के इस फैसले का जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने स्वागत किया है। मौलाना अरशद मदनी ने कहा, कोर्ट ने बिल्कुल सही स्टैंड अपनाया है। यह जमीयत उलेमा हिंद की बड़ी उपलब्धि है। हम मुबारकबाद देते हैं उन जजों को जिन्होंने लोगों की दिल की बात को सुना है, उनकी परेशानियां अपनी परेशानी समझी है। खुदा करें हमारे देश में इसी तरह गरीबों को सही हक देने के फैसले होते रहे। हम तो यह समझते हैं कि फैसला बहुत अच्छा आया है।

मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि, “कोई चीज वैध हो या अवैध “इसका फैसला न्यायपालिका करेगी। यहां फैसला आज सुप्रीम कोर्ट ने जमीयत उलमा-ए-हिंद की ओर से गैरकानूनी बुलडोजर कार्रवाई को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनाया है। मौलाना अरशद मदनी ने गैरकानूनी बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाने वाले सुप्रीम कोर्ट के इस फैसला का स्वागत करते हुए कहा कि उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट के सख्त निर्देशों से बुलडोजर कार्रवाई पर लगाम लगेगी।

बता दें कि इससे पहले इसी मामले पर समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी ने बयान देते हुए कहा था कि बुलडोजर कार्रवाई करने वाले आरोपी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का जानी चाहिए।

 

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