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बिजनेस

कुशल निवेशक भी फंस जाते हैं धोखे में

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न्यूयार्क। प्रौद्योगिकी के उपयोग में कुशल और कंपनियों के गोरखधंधों तथा बुरे संकेतों पर नजर रखने वाले अत्यधिक सावधान निवेशक भी कई बार धोखे में फंस जाते हैं। यह बात हाल के एक अध्ययन में कही गई है। अध्ययन के मुताबिक, आम तौर पर ऐसे निवेशक गलत संकेतों पर नजर रखते हैं, यानी, जिन संकेतों पर वे नजर रखते हैं, वे तब पैदा होते हैं, जब निवेशक को बचा पाना संभव नहीं रह जाता है।

नॉर्थ कैरोलिना स्टेट युनिवर्सिटी में एकाउंटिंग के प्रोफेसर और अध्ययन के प्रमुख लेखक जो ब्राजेल ने कहा, “निवेशकों को नुकसान तब होता है, जब उनका निवेश गोरखधंधे में फंसी कंपनियों में होता है, जो एनरॉन की तरह अपने हिसाब-किताब में धांधली करते हैं। लेकिन हम यह जानना चाहते थे कि एक निवेशक धांधली के बारे में किस तरह से अनुमान लगाता है और क्या वे अपने निवेश की रक्षा करने के प्रति सतर्क रहते हैं।”

शोधार्थियों ने इस अध्ययन में अमेरिका के 38 राज्यों के 194 निवेशकों से बातचीत की, जिनमें कई अनुभवी और कई गैर-पेशेवर निवेशक थे। उन्होंने इस सर्वेक्षण में यह जानना चाहा कि क्या निवेशकों ने ऐसे संकेतों को देखा, जिससे गोरखधंधे का पता चलता हो, जैसे आय में बहुत अधिक वृद्धि दर्ज किया जाना, कंपनी के ऑडिटर में बदलाव, अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग (एसईसी) द्वारा जांच शुरू किया जाना।

अध्ययन के मुताबिक, कई गैर-पेशेवर निवेशकों के पोर्टफोलियो में पांच से 10 कंपनियां होती हैं। ब्राजेल ने कहा, “यदि इन कंपनियों में गोरखधंधा होता होगा, तो इन निवेशकों को नुकसान होगा।” उन्होंने कहा, “हमने पाया कि सर्वेक्षण में शामिल किए गए 25 फीसदी निवेशकों के हाथ इन धोखेबाज कंपनियों से जल चुके हैं।” एक अन्य बात यह भी पता चली कि निवेशक आम तौर पर उन संकेतों पर ध्यान देते हैं, जो काफी देर से आती है और तब तक शेयरों के भाव काफी नीचे गिर चुके होते हैं और निवेश को बचा पाना संभव नहीं रह जाता है।

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नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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