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प्रादेशिक

केंद्र से नहीं मिल रही किसानों को मदद

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-जिले मे पहुंचे एससीएसटी आयोग के उपाध्यक्ष ने सरकारों को कोसा

मनोज तिवारी

हरदोई। शाहजहांपुर मे दलित महिला को निर्वस्त्र घुमाकर पिटाई करने के मामले मे शाहजहांपुर जा रहे एससीएसटी आयोग के उपाध्यक्ष ने केंद्र व पूर्व की प्रदेश सरकारों पर निशाना साधा और उनको किसान नौजवान विरोधी बताया। कहा की केंद्र की सरकार किसानों के लिय पैसे नहीं दे रही जबकि यूपी सरकार किसानों की हर संभव मदद के लिए काम कर रही है।

जिले मे पहुंचे एससीएसटी आयोग के उपाध्यक्ष व्यास गोंड लोक निर्माण विभाग के डाक बंगले मे पत्रकारों से रूबरू थे। उन्होंने कहा कि शाहजहांपुर का प्रकरण उन्होंने अखबारों व टीवी मे देखा और उसको संज्ञान मे लेकर वह मामले की जांच के लिए जिले में जा रहे हैं। उन्होंने कहा इस मामले में कोई भी कितना बड़ा आदमी क्यों न हो जांच मे अगर दोषी पाया गया तो कड़ी कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि आयोग शोषित वर्ग की मदद के लिए काम कर रहा है और आयोग के पास पहले 540 मामले थे जिनमें निराकरण कराते हुए अब करीब 140 मामले रह गए हैं। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों मे बहुत मामले फर्जी दर्ज किए गए लेकिन अखिलेश राज ऐसा नहीं हुआ है।

केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि अच्छे दिनों की सरकार को एक साल हो गए हैं परंतु कोई भी चुनावी घोषणा पत्र पूरा नहीं किया जा सका है। 56 इंच के सीने वाले दूसरे देशों में रिश्तेदारी करने जा रहे और उसी दिन सीमाओं पर कोई न कोई भाई शहीद हो रहा फिर क्या मायने रखता है 56 इंच का सीना। कहा कि न काला धन वापस आया न अच्छे दिन, हाँ कुछ लोगों के ही अच्छे दिन आए हैं। केंद्र सरकार ने गणेश की मूर्तियों को दूध जरूर पिलाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों के लिए कई चिट्ठियाँ लिखी गईं लेकिन केंद्र से अभी तक कोई पैसा किसानों के लिए नहीं दिया जबकि प्रदेश की अखिलेश सरकार संसाधनो की बदौलत किसानों के कल्याण के लिए हर संभव मदद कर रही है। उन्होने बसपा सरकार को कठघरे मे खड़ा करते हुये कहाकि हाथी की सरकार मे पार्क जरूर बनाए गए। अखिलेश ने जब गद्दी संभाली तब खजाना खाली था। उन्होने कहाकि अगले साल तक सभी जिलों को चौबीस घंटे बिजली की व्यवस्था हो जाएगी। इस दौरान आयोग के सदस्य प्रदीप कुमार वर्मा पीके भी मौजूद रहे।

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18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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