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लखनऊ: कैट 3 टेक्नीक लॉन्च, अब कोहरे से फ्लाइट नहीं होंगी लेट
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में राजधानी लखनऊ स्थित चौधरी चरण सिंह हवाईअड्ड पर अब कोहरे की वजह से उड़ानें प्रभावित नही होंगी। अधिकारियों के मुताबिक, अब लखनऊ हवाईअड्डा कैट-3 बी तकनीक से लैस हो गया है।
हवाईअड्डे के अधिकारियों ने बताया कि लखनऊ हवाई अड्डे को गुरुवार को डीजीसीए (नागर विमानन महानिदेशालय) से मंजूरी मिल गई। लखनऊ में कैट 3 बी के उपकरण कुछ महीनों पहले ही लगा दिए गए थे, सिर्फ मंजूरी मिलने का इंतजार था। अब लखनऊ हवाई अड्डे पर घने कोहरे में भी विमान उतर सकेंगे।
अधिकारियों ने बताया कि कैट-3 तकनीक को हासिल करने में करीब 40 करोड़ रुपये का खर्च आया है। इस बार सर्दियों में विमान से लखनऊ आने वाले यात्रियों को कोहरा होने पर निराश नहीं होना पड़ेगा। कैट-3 बी श्रेणी के तहत अत्याधुनिक उपकरणों से 50 मीटर की दृश्यता होने पर भी विमान उतारे जा सकेंगे।
हवाई अड्डे के निदेशक पी.के. श्रीवास्तव के मुताबिक, दिल्ली के बाद लखनऊ और जयपुर ऐसे हवाईअड्डे बन गए हैं, जिनको कैट-3 बी का दर्जा मिला है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा दुनिया भर में चंद हवाईअड्डे ही ऐसे हैं, जिन्हें यह दर्जा मिला है। मौजूदा समय में लखनऊ हवाईअड्डे से घरेलू व अन्तर्राष्ट्रीय 90 उड़ानें संचालित होती हैं। इनमें से 45 लखनऊ आती हैं और इतनी ही संख्या में उड़ानें यहां से दूसरे हवाईअड्डे के लिए उड़ान भरती हैं।
उल्लेखनीय है कि कैट-3 तकनीक के तहत रनवे को इस लायक बनाया जाता है कि घने कोहरे में भी विमान उतारे जा सकें। इसके लिए लखनऊ हवाईअड्डे पर सरफेस मूवमेंट राडार लगाया गया है। यह रनवे पर होने वाली किसी भी हरकत को एयर ट्रैफिक कंट्रोल रूम के मॉनीटर पर दर्शाता है।
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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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