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प्रादेशिक

कौशल का विकास करना ही शिक्षा का उद्देश्यः श्रीवत्स जैपुरिया

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सेठ एम आर जैपुरिया स्कूल, लखनऊ में चौथा विद्यालय

jaipuria school

कानपुर रोड लखनऊ में सेठ एम आर जैपुरिया स्कूल का शुभारंभ

लखनऊ। लखनऊ में कानपुर रोड पर स्थापित सेठ एम आर जैपुरिया स्कूल के संचालन हेतु जी.पी.आर.पी. अवस्थी एजूकेशनल एण्ड वेल्फेयर ट्रस्ट के साथ गठबंधन को औपचारिक रूप दे दिया गया है। विद्यालय में अप्रैल, 2017 से प्रारम्भ होने वाले नये सत्र के लिए विद्यार्थियों की प्रवेश प्रकिया जनवरी, 2017 में शुरू हो जायेगी।

सेठ एम आर जैपुरिया स्कूल भारत के सर्वाधिक प्रतिष्ठित के-12 विद्यालयों में से एक है, जिनमें छात्रों को शिक्षा का एक अनूठा अनुभव मिलता है और इसे ‘पारम्परिक मूल्यों के साथ आधुनिक शिक्षा’ देने वाले संस्थान के रूप में परिभाषित किया जा सकता है।

इस विद्यालय में 99 प्रतिशत विद्यार्थी प्रथम श्रेणी वाले होते हैं और इसे विभिन्न समाचार माध्यमों ने भारत के सर्वश्रेष्ठ अंग्रेजी माध्यम स्कूल के रूप में मान्यता मिली है। लखनऊ में इस समूह का यह चौथा स्कूल होगा।

इस अवसर पर संबोधित करते हुए, जैपुरिया ग्रुप के वाइस चेयरमैन श्रीवत्स जैपुरिया ने कहा, ‘हमारा मानना है कि सर्वांगीण शिक्षा का उद्देश्य छात्रों में हर तरह के कौशल का विकास करना होना चाहिए ताकि वे अपनी पूर्ण क्षमता को प्राप्त कर सकें।

अपनी जड़ों से मजबूती से जुड़े रहते हुए हम अंतर्राष्ट्रीय समझ विकसित करते हैं जिससे कि हमारे छात्र 21वीं सदी के वैश्विक जिम्मेदार नागरिक बन सकें। हाल ही में, फिनलैंड के शिक्षा मंत्री ने हमें ‘दुनिया का सर्वश्रेष्ठ स्कूल’ और इंडिया एजूकेशन कांग्रेस ने ‘भारत का सर्वश्रेष्ठ के-12 स्कूल’ घोषित किया है।

बर्कले यूनिवर्सिटी में शोकेस होने वाले प्रथम भारतीय स्कूल होने का गौरव भी हमें प्राप्त है। मुझे विश्वास है कि कानपुर रोड, लखनऊ वाला यह स्कूल भी ऐसा ही गौरव हासिल करेगा।’

‘उत्कृष्टता के प्रति हमारा समर्पण सदैव बना रहेगा। जैपुरिया का पाठ्यक्रम अमेरिका, स्वीडन, फिनलैंड, कोरिया व जापान के स्तर के अनुरूप होने के साथ-साथ एनसीईआरटी एवं सीबीएसई के दिशा निर्देशों पर आधारित है। हमारा मानना है कि स्थानीय एवं बाहरी अध्यापकों का सही मिश्रण होने से स्कूल में सांस्कृतिक व शैक्षणिक संतुलन बना रहता है।

इतना ही नहीं, हमारे अध्यापकों का प्रशिक्षण साल में कई बार चलता रहता है, और नई दिल्ली स्थित कॉर्पोरेट कार्यालय इसके हर पहलू पर नजर रखता है, यानी गुणवत्ता नियंत्रण और सुधार एक सतत प्रक्रिया है। हमारा विश्वास है कि हम अपनी श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ हैं, क्योंकि हम शिक्षा की गुणवत्ता, नये शैक्षणिक कदमों और विविध गतिविधियों के माध्यम से बच्चों को वो बनने में मदद करते हैं, जो वे बनना चाहते हैं और जहां वे पहुंचना चाहते हैं।’

उन्होंने स्कूल की सराहना करते हुए कहा, ‘ जैपुरिया ग्रुप ने यह एक महत्वपूर्ण कार्य किया है। मुझे यह बताते हुए बेहद प्रसन्नता हो रही है कि कई अंतर्राष्ट्रीय मीडिया एवं शैक्षणिक संस्थानों ने जैपुरिया ग्रुप की अत्यधिक प्रशंसा की है। कानपुर रोड, लखनऊ के स्कूल ने जो प्रगति की है, वो जानना भी खुशी की बात है।

इसके प्रमोटर, प्रसिद्ध एवं सम्मानित उद्योगपति शिव शंकर अवस्थी ने कानपुर रोड पर स्कूल के लिए स्थान मुहैया कराया, ताकि स्कूल के रूप में यह जगह भी जैपुरिया की एक विरासत बन सके। यह स्कूल एक लैंडमार्क बनेगा और मुझे यकीन है कि इसमें पढ़ने वाले स्थानीय बच्चे अपनी प्रतिभा को निखार संवार कर बड़े होक अपनी ऊर्जा को उत्पादक कार्यों में लगायेंगे। यह स्कूल हमारे बच्चों को शैक्षणिक एवं अन्य गतिविधियों चमकने का अवसर प्रदान करेगा। स्कूल के लिए मेरी शुभकामनाएं एवं आशीर्वाद।’

नये स्कूल का संचालन जी.पी.आर.पी. अवस्थी एजूकेशनल एण्ड वेल्फेयर ट्रस्ट के सहयोग से

एससीईआरटी, उत्तर प्रदेश के डायरेक्टर सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह ने कहा, कि ‘हाल के कुछ वर्षों में सेठ एम.आर. जैपुरिया स्कूल उत्कृष्टता की एक मिसाल बनकर उभरा है और विभिन्न सर्वेक्षणों में देश के दस शीर्ष स्कूलों में इसने अपनी जगह बना ली है। कानपुर रोड, लखनऊ स्थित सेठ एम.आर. जैपुरिया स्कूल के बारे में कहा जा सकता है कि इसकी जड़ें पारंपरिक मूल्यों में हैं, जबकि इसका नजरिया आधुनिक है।’

शिव शंकर अवस्थी ने कहा, ‘लखनऊ में जैपुरिया समूह शिक्षा का पर्याय बन गया है। इन्होंने शहर के बच्चों को अच्छी जिंदगी की तैयारी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और हमें आशा है कि सबके सहयोग से इन प्रयासों के अच्छे नतीजे मिलेंगे।

शहर के इस हिस्से में एक विश्वस्तरीय शिक्षा संस्थान शुरू होने जा रहा है। हम जैपुरिया जी और नई दिल्ली स्थित कॉर्पोरेट कार्यालय के सभी साथियों का धन्यवाद करते हैं कि उन्होंने हमें इस जिम्मेदारी के लायक समझा। उनके दिशा-निर्देशन में, कानपुर रोड, लखनऊ का यह स्कूल जल्दी ही शिक्षा का एक उत्कृष्ट केंद्र बनकर उभरे, यही हमारी कामना है।

हम केरल, बंगाल, उत्तर प्रदेश, नई दिल्ली आदि अनेक स्थानों से शिक्षकों का चयन कर रहे हैं और आशा करते हैं कि शिक्षकों की यह नयी टीम इस अनूठे स्कूल के सुंदर चरित्र का निर्माण करेगी।

यहां शिक्षा के उच्च लक्ष्य निर्धारित किये जायेंगे। किसी भी बच्चे को पिछड़ने नहीं दिया जायेगा, क्योंकि ऐसे पिछड़ने वाले बच्चों के लिए यहां विशेष कक्षाएं लगेंगी। अभिभावकों को स्कूल के बाद बच्चों की ट्यूशन के बारे में सोचना ही नहीं पड़ेगा।’

अनुज अवस्थी ने कहा, ‘हमारा विश्वास है कि स्थानीय स्तर पर हमारे अनुभव और राष्ट्रीय स्तर पर जैपुरिया के अनुभव का लाभ इस स्कूल को मिलेगा। हमारा यकीन है कि मिलकर हम शानदार नतीजे दे सकेंगे। शुरुआत में हम नर्सरी से लेकर कक्षा 6 तक की कक्षाएं चलायेंगे, फिर हर साल एक नयी कक्षा जुड़ती जायेगी। स्कूल सीबीएसई के अनुरूप और जैपुरिया के नियमों के अनुसार चलेगा। स्थानीय स्तर पर भी एक अत्यधिक अनुकूल टीम जुटा लेने की हमें खुशी है। सब कुछ बहुत उत्साहजनक है।’

जैपुरिया ग्रुप के शिक्षा प्रमुख डॉ. राजीव चौहान ने कहा, ‘पिछले छह वर्षों से हमारे स्कूलों में 99 प्रतिशत विद्यार्थियों ने प्रथम श्रेणी प्राप्त की है। पिछले तीन वर्षों के दौरान, हमारे बच्चों ने राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर की 1000 से अधिक प्रतियोगिताएं जीती हैं। देश में हमारे दस स्कूल चल रहे हैं। छह स्कूल 2017 में शुरू होने जा रहे हैं और हमें आशा है कि वर्ष 2020 तक स्कूलों की संख्या 50 तक पहुंच जायेगी। हमारे छात्रों ने कई मंचों पर देश का प्रतिनिधित्व किया है।

हमने सेंट पीटर्सबर्ग के अंतरिक्ष शिविर में एक अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता जीती, अंटार्कटिका जाने वाले 16 देशों के एक अभियान का नेतृत्व किया और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की छात्रवृत्तियां प्राप्त करने में सफल रहे। साथ ही हमारे बच्चे गूगल मुख्यालय में इंटर्नशिप के लिए भी गये। यह तो पिछले 12 महीनों के दौरान की एक छोटी सी झलक मात्र है। हमें विश्वास है कि कानपुर रोड, लखनऊ के स्कूल में शिक्षा के नये प्रतिमान स्थापित होंगे।’

सेठ एमआर जैपुरिया के कुल राष्ट्रव्यापी 12 स्कूलों में से लखनऊ मे यह चौथा विद्यालय

उपस्थित समुदाय को संबोधित करते हुए, जैपुरिया ग्रुप के महाप्रबंधक अनिर्बन भट्टाचार्य ने कहा, ‘यह एक प्रगतिशील, को-एजूकेशनल स्कूल होगा, जिसकी निगाह सभी छात्रों को उच्च स्तर की शिक्षा प्रदान करने पर रहेगी। शैक्षिक विशेषज्ञता पर जोर रहने और जयपुरिया ग्रुप की निरंतर मदद से हम भविष्य के लिए एक महान संस्थान की नींव रखने में कामयाब रहेंगे।

स्कूल की स्थापना की खबर पाने के बाद से ही अभिभावकों और छात्रों की ओर से हमें आशातीत प्रतिक्रिया मिल रही है। इससे हमारी सोच और अधिक मजबूत हुई है। हमारा मानना है कि पढ़ने-पढ़ाने की प्रक्रिया में बच्चा सदैव की केंद्र में रहना चाहिए। हम गतिविधि आधारित शिक्षा में विश्वास रखते हैं। हमारा विश्वास है कि पढ़ाई और शिक्षणेत्तर गतिविधियों में एक अच्छा संतुलन रहना चाहिए, तभी बच्चे का संपूर्ण विकास हो पाता है। जयपुरिया में हम प्रत्येक बच्चे को ऐसे तमाम अवसर सदैव उपलब्ध कराते रहेंगे।’

जैपुरिया स्कूल, कानपुर रोड कैम्पस की प्रिंसिपल, श्रीमती पूनम गौतम ने कहा, ‘शिक्षा की सीढ़ी में प्राथमिक शिक्षा एक महत्वपूर्ण सोपान की तरह है। शिक्षा का सबसे पहला लक्ष्य यह होना चाहिए कि छात्रों को ज्ञान और चारित्रिक मूल्य समझाये जा सकें। हमारे बच्चों को एक अच्छा अभिभावक और समाज का एक जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए इन दोनों चीजों की जरूरत होगी।’

पांच एकड़ में फैले सेठ एमआर जैपुरिया स्कूल, कानपुर रोड, लखनऊ के खूबसूरत परिसर में नर्सरी से कक्षा 6 तक की पढ़ाई के लिए विश्वस्तरीय सुविधाएं मौजूद हैं, जैसे कि इंटरएक्टिव डिजिटल कक्षाएं, अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं, पुस्तकों से सुसज्जित लाइब्रेरी, और एक ऐसा पाठ्यक्रम जो स्वीडन, फिनलैंड तथा अमेरिका के मानदंडों से मेल खाता है।

विद्यालय में 40 से अधिक गतिविधियां करायी जायेंगी, जिनमें स्वीमिंग पूल, तीरंदाजी, कई तरह के खेल, नृत्य, रंगमंच और घुड़सवारी आदि भी शामिल रहेगी। अवस्थी लॉन (घई गेस्ट हाउस के सामने) इंडियन ऑयल पेट्रोल पम्प के बगल मे, कानपुर रोड लखनऊ स्थित सिटी ऑफिस में प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने वाली है। अप्रैल 2017 से प्रारंभ होने जा रह नये सत्र से पूर्व ही परिसर में 6 जनवरी से कई तरह की गतिविधियां शुरू हो जायेंगी।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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