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बिजनेस

खाद्य पदार्थो की कीमतें बढ़ने से बढ़ी थोक महंगाई

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नई दिल्ली, 14 नवंबर (आईएएनएस)| खाद्य पदार्थो की कीमतें बढ़ने से थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित देश की महंगाई दर अक्टूबर में बढ़कर 3.59 फीसदी रही है।

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, संशोधित आधार वर्ष 2011-12 के आधार पर अक्टूबर में थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) 3.59 फीसदी रहा, जो सितंबर में 2.60 फीसदी था।

इन आंकड़ों पर भारतीय कॉरपोरेट जगत ने कहा कि मुद्रास्फीति में तेजी की उम्मीद पहले से ही थी, जिसका प्रमुख कारण मांग में तेजी और कच्चे तेल समेत अन्य वस्तुओं की कीमतों में हुई वैश्विक वृद्धि है। साथ ही यह कहा कि नीति निर्माताओं को चुनौतियों का सामना करने के लिए सुधारात्मक उपाय करने चाहिए।

विभिन्न खंडों के आधार पर प्राथमिक वस्तुओं की अक्टूबर में महंगाई दर 0.15 फीसदी बढ़कर 3.33 फीसदी रही, जिसका डब्ल्यूपीआई में 22.62 फीसदी भार है।

खाद्य पदार्थो की कीमतें साल-दर-साल आधार पर अक्टूबर में 4.30 फीसदी हो गईं, जो सितंबर के दौरान 2.04 फीसदी थीं। प्याज के थोक मूल्य सूचकांक में 127.04 फीसदी की वृद्धि हुई, जबकि आलू की कीमतें 44.29 फीसदी घटीं।

अक्टूबर में कुल मिलाकर सब्जियों की कीमतों में 36.61 फीसदी की वृद्धि हुई, जबकि एक साल पहले इसी महीने में इसमें 11.84 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी।

आंकड़ों के मुताबिक, गेहूं की कीमत साल-दर-साल आधार पर अक्टूबर में 1.99 फीसदी कम रही, जबकि दालों की कीमतों में 31.05 फीसदी की कमी आई।

प्रोटीन आधारित खाद्य पदार्थो जैसे अंडा, मांस और मछली में समीक्षाधीन माह में 5.76 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई।

समीक्षाधीन माह में ईंधन और बिजली की कीमतों में 10.52 फीसदी की तेजी दर्ज की गई।

एसोचैम के महासचिव डी. एस. रावत ने कहा, नीति निर्माताओं को उद्योग द्वारा पेश की जा रही चुनौतियों पर सुधारात्मक कार्रवाई करनी चाहिए, जिसमें बढ़ती ब्याज दरें, दोहरे बैलेंस शीट, सीमित निवेश क्षमता और अन्य चुनौतियां शामिल हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि डब्ल्यूपीआई के आंकड़ों में तेजी से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ेगा, जिससे भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावना घट जाएगी, क्योंकि आरबीआई ने पहले ही भविष्य में महंगाई को लेकर चिंता जताई है।

फिक्की के अध्यक्ष पंकज पटेल ने कहा, अक्टूबर में थोक और खुदरा दोनों कीमतों में तेजी दर्ज की गई है। सब्जियों के साथ खाद्य पदार्थो की कीमतों में तेज वृद्धि रही। हालांकि यह प्रतिकूल मौसम की वजह से हैं। आनेवाले महीनों में स्थितियां सुधरेंगी।

उन्होंने आगे कहा, फिक्की यह दोहराना चाहता है कि वर्तमान परिदृश्य में केंद्रीय बैंक द्वारा मुद्रास्फीति का लक्ष्य निर्धारित करना सही नहीं होगा। विनिर्माण क्षेत्र वापस पटरी पर लौटता दिख रहा है और यह महत्वपूर्ण है कि इसे सभी नीतिगत स्तर से समर्थन दिया जाए। ब्याज की उच्च दरें उद्योग के लिए अभी भी चुनौती बनी हुई हैं।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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