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खाद्य पदार्थो के महंगा होने से बढ़ी खुदरा महंगाई

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नई दिल्ली, 13 नवंबर (आईएएनएस)| खाद्य पदार्थो, ईंधन और आवास की कीमतों में वृद्धि से अक्टूबर में भारत की वार्षिक खुदरा मुद्रास्फीति की दर ऊंची रही।

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित महंगाई दर बढ़कर 3.58 फीसदी हो गई, जो सितंबर में 3.28 फीसदी थी।

हालांकि, साल-दर-साल आधार पर पिछले महीने सीपीआई महंगाई में गिरावट आई है, जो कि साल 2016 के अक्टूबर में 4.20 फीसदी दर्ज की गई थी।

समीक्षाधीन माह में उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (सीएफपीआई) बढ़कर 1.90 फीसदी रहा, जबकि सितंबर में यह 1.25 फीसदी था।

साल-दर-साल आधार पर शहरी क्षेत्रों में मुद्रास्फीति की दर बढ़कर 3.81 फीसदी रही, जबकि ग्रामीण भारत में बढ़कर यह 3.36 फीसदी रही।

मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, साल-दर-साल आधार पर खुदरा मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी सब्जियों, दुग्ध आधारित उत्पादों, अनाजों और मांस-मछली की कीमतों में हुई वृद्धि के कारण हुई है।

आंकड़ों से पता चलता है कि साल-दर-साल आधार पर अक्टबूर में सब्जियों की कीमतें बढ़कर 7.47 फीसदी रहीं, जबकि दुग्ध आधारित उत्पादों की कीमतें बढ़कर 4.30 फीसदी रही।

हालांकि इस दौरान अनाजों की कीमत में कमी आई और यह 3.68 फीसदी पर रही, जबकि मांस-मछली की कीमतें बढ़ी और यह 3.12 फीसदी पर रही।

गैर-खाद्य पदार्थ श्रेणी में ईधन और बिजली खंड की मुद्रास्फीति दर अक्टूबर में 6.36 फीसदी रही।

भारतीय स्टेट बैंक की समूह की मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्या कांति घोष ने एसबीआई की इकोफ्लैश रिपोर्ट में कहा, इस साल सितंबर के खाद्य पदार्थ, ईधन और आवास की कीमतों से तुलना करने पर कुल मुद्रास्फीति में वृद्धि दर्ज की गई है। जबकि खाद्य पदार्थो की मुद्रास्फीति बढ़ाने में सबसे ज्यादा योगदान सब्जियों, दूध और दुग्ध उत्पादों का है।

उन्होंने कहा, कच्चे तेल की कीमतों से बढ़ोतरी से ईंधन की महंगाई दर बढ़कर 6.36 फीसदी हो गई, जोकि पिछले महीने 5.56 फीसदी थी। हालांकि सरकार द्वारा उत्पाद कर में कटौती की घोषणा के बाद ईधन की कीमतों में कमी आई है।

एंजल ब्रोकिंग के शोध विश्लेषक जयकिशन जे. परमार ने कहा, पहला, सीपीआई मुद्रास्फीति आरबीआई के सुविधा क्षेत्र चार फीसदी के भीतर ही है। दूसरा जीएसटी परिषद ने नाटकीय ढंग से जीएसटी दरों में कटौती की है. इससे आनेवाले महीनों में मुद्रास्फीति पर प्रभावशाली असर होगा। हालांकि आरबीआई प्रमुख ब्याज दरों के बारे में फैसला फेड रिजर्व के कदमों के हिसाब से ही करेगी।

रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने कहा, आनेवाले महीनों में महंगाई और बढ़ेगी, जिसके पीछे तेल की बढ़ती कीमतें और घरेलू खर्च में की जानेवाली वृद्धि कारण होगा। किसानों को ऋण छूट और राज्य सरकार के कर्मचारियों का वेतन भत्ता बढ़ने से घरेलू खर्च में वृद्धि होगी।

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नेशनल

पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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