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बिजनेस

घर बैठे-बैठे आधार से लिंक करें अपना खाता, ये रहा बेहद आसान तरीका

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नई दिल्ली। जैसा की हम सभी जानते है कि 31 दिसम्बर तक सरकार ने सभी को अपना बैंक अकाउंट आधार से लिंक कराने की आखिरी मोहलत दी है। ऐसे में हर किसी को अनिवार्यता से अपना अकाउंट 31 दिसम्बर तक आधार से लिंक कराना जरुरी हो गया है।

अगर आप ने भी अब तक अपना खाता आधार से नहीं जोड़ा है और इस प्रक्रिया को जटिल समझकर आप भी बाकियों की तरह असंमंजस्य में पड़े हुए है। तो आइये हम आपको बताते है एक ऐसा आसान सा तरीका जिसे अपनाकर आप घर बैठे अपना बैंक खाता आधार से लिंक करवा सकते है।

बैंक खाते को आधार से जोड़ने का पहला तरीका है कि आप अपने बैंक में जाकर आधार नंबर और बैंक खाते की जानकारी को  बैंक अधिकारी को दे दें। बैंक अधिकारी अपने खाते को लिंक कर देंगे. इसके लिए आपको उन्हें आधार कार्ड की फोटो कॉपी और बैंक खाते की जानकारी देनी होगी।

दूसरा और इजी विकल्प ये है कि आप इंटरनेट बैंकिंग की मादा ले लें इसके जरिए आधार आसानी से लिंक किया जा सकता है। इंटरनेट बैंकिंग लॉग करने के बाद लिंक योर आधार नंबर का विकल्प चुने। इस विकल्प पर क्लिक करने से आधार रजिस्ट्रेशन का पेज खुलेगा।

इसमें ट्रांजेक्शन अकाउंट, मोबाइल नंबर, आधार नंबर और कंफर्म आधार नंबर डालना होगा। सबमिट करने के बाद आपको रेफरेंस नंबर मिलेगा। रेफरेंस नंबर को नोट कर लें। आपका आधार खाते से लिंक हो जाएगा। आधार लिंक होने की जानकारी आपके रजिस्टर्ड नंबर पर खुद-बा -खुद आ जाएगी।

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नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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