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अन्तर्राष्ट्रीय

चीन ने भारत को ललकारा, हर मुकाबले के लिए तैयार

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बीजिंग, 18 जुलाई (आईएएनएस)| चीन ने मंगलवार को फिर से भारत से विवादित सीमा डोकलाम से अपने सैनिकों को हटाने के लिए कहा है।

चीन के एक दैनिक अखबार ने मंगलवार को चेतावनी देते हुए कहा कि चीन युद्ध के लिए तैयार है और वह भारत से युद्ध करने से डरता नहीं है। भारत को विवादित सीमा पर सभी जगह टकराव का सामना करना पड़ेगा।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा कि विदेशी राजनयिकों को बीजिंग में डोकलाम में गतिरोध को लेकर जानकारी दी गई और कहा गया कि भारतीय जवानों ने अवैध रूप से सिक्किम क्षेत्र में चीन-भारत सीमा पर आपस में मान्य सीमा को पार कर लिया।

उन्होंने कहा कि भारत को अवैध रूप से दाखिल होने को अपने राजनीतिक लक्ष्य की नीति के तौर पर नहीं लेना चाहिए।

उन्होंने कहा कि बीजिंग में विदेशी राजनयिकों को डोकलाम में गतिरोध को लेकर जानकारी दी और वे भारतीय जवानों द्वारा चीनी क्षेत्र में ‘अवैध रूप से दाखिल’ होने की घटना को जानकर ‘स्तब्ध’ हो गए।

चीन और भारत के बीच 3,488 किमी लंबी सीमा है, जिसमें से 220 किमी सिक्किम में पड़ती है, जहां डोकलाम स्थित है।

डोकलाम भारत, चीन व भूटान के बीच तिराहा है।

चीन डोकलाम पर दावा करता है, जबकि भारत व भूटान इसे खारिज करते हैं और डोकलाम के स्वामित्व को एक लंबित मुद्दा बताते हैं।

चीन ने कहा कि भारत ने चीनी सीमा में अवैध तौर पर दाखिल होकर अंतर्राष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन किया है। इसके पीछे चीन की कोशिश अंतर्राष्ट्रीय समर्थन हासिल करने की है।

लू ने कहा, भारतीय सीमा कर्मियों द्वारा अवैध रूप से दाखिल होने की घटना ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का बड़े स्तर पर ध्यान खींचा और चीन में कई राजनयिक मिशनों ने कहा कि वे इस कार्य से हैरान हैं।

लू ने कहा, हमने इस बात पर बल दिया है कि इस घटना में तथ्य बहुत साफ है। सिक्किम क्षेत्र को चीन-भारत सीमा पर आपसी तौर पर दोनों पक्षों ने मान्यता दी है।

लू ने कहा कि इस बार भारतीय सीमा कर्मी चीनी क्षेत्र में अवैध तौर पर दाखिल हुए हैं।

लू ने तनाव से बचने के लिए डोकलाम से भारत को सैनिकों को हटाने की चेतावनी दी और कहा, हमें उम्मीद है कि भारतीय पक्ष मौजूदा हालात को साफ तौर पर समझेगा और कर्मियों को हटाने का त्वरित कदम उठाएगा, जो अवैध रूप सीमा को पार कर गए हैं, जिससे तनाव बढ़ाने से बचा जा सकेगा।

इस बीच चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि चीन युद्ध करने से नहीं डरता है और चीन खुद को लंबे समय तक के लिए टकराव की खातिर तैयार करेगा।

अखबार में डुओ मू के लेख में कहा गया है कि चीन को भारत से लगी सीमा पर ज्यादा सैनिकों की तैनाती करनी चाहिए और डोकलाम में सड़क निर्माण को तेज करना चाहिए, जहां दोनों पक्षों के बीच करीब महीने भर से गतिरोध बना हुआ है।

इसमें यह भी कहा गया है कि भारत ने इस विवाद को बढ़ावा दिया है, क्योंकि वह चीन की तीव्र आर्थिक वृद्धि को लेकर चिंतित है।

यह गतिरोध तब शुरू हुआ, जब भारतीय जवानों ने डोकलाम में चीनी सैनिकों को सड़क निर्माण करने से रोका। डोकलाम क्षेत्र को लेकर चीन व भूटान में विवाद है।

डुओ मू द्वारा लिखे गए इस लेख में कहा गया है, चीन अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए युद्ध करने से नहीं डरता और खुद को लंबे समय के टकराव के लिए तैयार करेगा।

उन्होंने कहा, चीन दुनिया की दूसरे नंबर की अर्थव्यवस्था बनने की तरफ अग्रसर है। यह समय चीन के पक्ष में है। ऐसे में भारत चीन के तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को लेकर चिंतित है। सीमा पर उकसावा भारत की चिंता और चीन को राह से भटकाने की कोशिश है।

उन्होंने कहा, चीन को भविष्य के विवाद और टकराव के लिए तैयार होना चाहिए, ताकि चीन आगे वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत के किसी कदम का मुकाबला कर सके।

उन्होंने कहा, यदि भारत कई जगहों पर संघर्ष कर रहा है तो इसे पूरे एलएसी पर चीन के साथ लगी सीमा पर टकराव का सामना करना होगा। 3,500 किमी लंबी सीमा कभी भी विवादों से खाली नहीं रही। वर्ष 1962 के युद्ध के बाद से भारतीय पक्ष ने बार-बार उकसावापूर्ण कार्रवाई की है।

लेख में कहा गया है, इसके जवाब में चीन को सीमा पर निर्माण को मजबूत करना चाहिए और सैनिकों की तैनाती और डोकलाम में निर्माण को तेज करना चाहिए। यह संप्रभु राष्ट्र की जायज कार्रवाई है।

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IANS News

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।

इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।

इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

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