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नेशनल

छग : रेलवे ने टिकट चेकिंग से 6.54 करोड़ रुपये कमाए

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रायपुर, 13 जनवरी (आईएएनएस/वीएनएस)। छत्तीसगढ़ के रायपुर रेलवे मंडल (वाणिज्य विभाग) ने चालू वित्तवर्ष में लदान से 2292.47 करोड़ और टिकट चेकिंग से 6.54 करोड़ रुपये की आय अर्जित की है, जो 9 महीने की सबसे बेहतर उपलब्धि है।

रेलवे के सीनियर पब्लिसिटी इंस्पेक्टर शिव प्रसाद पंवार ने बताया कि रेलवे वर्तमान वित्तवर्ष 2017-18 के प्रथम 9 माह (अप्रैल से दिसंबर) में निरंतर आय में वृद्धि की ओर अग्रसर है।

उन्होंने कहा कि माल लदान और वर्तमान वित्तवर्ष के प्रथम 9 महीनों के दौरान 240.97 लाख टन लदान कर 2292.47 करोड़ रुपये अर्जित किए गए, जो कि पिछले वित्तवर्ष की इसी अवधि की तुलना में लदान में 6 प्रतिशत और आय में 10 प्रतिशत अधिक है।

पंवार के मुताबिक, विविध आय-मंडल के विभिन्न स्टेशनों में पार्किं ग, केटरिंग, लाइसेंस फीस, वाणिज्यिक पब्लिसिटी से 3 करोड़ 49 लाख रुपये की आय अर्जित हुई है, जो पिछले वित्तवर्ष की इसी अवधि की तुलना में 11.05 प्रतिशत अधिक है।

यात्रियों की संख्या और आय : वर्तमान वित्तीय वर्ष के प्रथम 9 महीनों में रायपुर मंडल की ओर से 250.22 लाख यात्रियों का परिवहन कर 297,80 करोड़ की आय अर्जित की गई, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 9 प्रतिशत अधिक आय है।

टिकट चेकिंग से आय : वर्तमान वित्तवर्ष के प्रथम 9 महीनों के दौरान टिकट चेकिंग अभियान से कुल 253739 मामलों से 6 करोड़ 54 लाख 83 हजार रुपये की आय दर्ज की गई है। इसमें (ए श्रेणी) बिना टिकट के 20191 मामलों से 93 लाख 36 हजार 2 सौ 33 रुपये, (बी श्रेणी) अनियमित टिकट के 57783 मामलों से 2 करोड़ 47 लाख 43 हजार 5 सौ 51 रुपये, (सी श्रेणी) बिना बुक किए गए लगेज के 94550 मामलों से 98 लाख 70 हजार रुपये, (डी श्रेणी) टिकट श्रेणी परिवर्तन के 76137 मामलों से 2 करोड़ 12 लाख 82 हजार 7 सौ 12 रुपये शामिल हैं।

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नेशनल

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर कही बड़ी बात

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कर्नाटक। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया जिनमें दावा किया गया था कि राज्य सरकार नौकरियों में मुस्लिम आरक्षण के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। उन्होंने रिपोर्टों को एक और नया झूठ बताया। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने एक बयान में स्पष्ट किया कि आरक्षण की मांग की गई है लेकिन इस संबंध में सरकार के समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। यह स्पष्टीकरण कर्नाटक में मुसलमानों के लिए आरक्षण के मुद्दे पर चल रहे विवाद के बीच आया है।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने जारी किया बयान

मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘कुछ मीडिया में रिपोर्ट प्रकाशित हुई है कि नौकरियों में मुसलमानों को आरक्षण देने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष है। इसमें कहा गया है कि मुस्लिम आरक्षण की मांग की गई है, हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि इस संबंध में सरकार के समक्ष कोई प्रस्ताव नहीं है।’

4% कोटा, जो श्रेणी-2बी के अंतर्गत आता, सार्वजनिक निर्माण अनुबंधों के लिए समग्र आरक्षण को 47% तक बढ़ा देता। कर्नाटक का वर्तमान आवंटन विशिष्ट सामाजिक समूहों के लिए सरकारी ठेकों का 43% आरक्षित रखता है: एससी/एसटी ठेकेदारों के लिए 24%, श्रेणी-1 ओबीसी के लिए 4%, और श्रेणी-2ए ओबीसी के लिए 15% है।

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने कहा कि सिद्धारमैया के राजनीतिक सचिव, नसीर अहमद, आवास और वक्फ मंत्री बीजे ज़मीर अहमद खान और अन्य मुस्लिम विधायकों के साथ, 24 अगस्त को एक पत्र प्रस्तुत किया था, जिसमें अनुबंधों में मुसलमानों के लिए 4% आरक्षण का अनुरोध किया गया था। उन्होंने आगे कहा कि सिद्धारमैया ने वित्त विभाग को उसी दिन प्रस्ताव की समीक्षा करने का निर्देश दिया था, कथित तौर पर उन्होंने इस मामले से संबंधित कर्नाटक सार्वजनिक खरीद पारदर्शिता (केटीपीपी) अधिनियम में संशोधन का भी समर्थन किया था।

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