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बिजनेस

जटिल परिवर्तन में मदद करेगा आर्टिफिशयल इंटेलीजेंस : सिक्का

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इंफोसिस के सीईओ विशाल सिक्का, डिजिटल परिवर्तन, ऑटोमेशन व आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, इंफोसिस व ओरेकल, ओरेकल ओपन वर्ल्ड 2015 सम्मेलन

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निशांत अरोड़ा
सैन फ्रांसिस्को| इंफोसिस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) विशाल सिक्का ने कहा कि डिजिटल परिवर्तन के अपने लक्ष्य को हम स्वचालन (ऑटोमेशन) व आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (कृत्रिम बुद्धिमता) को अपना कर आसानी से प्राप्त कर सकते हैं और इसकेलिए इंफोसिस व ओरेकल सामूहिक रूप से प्रयासरत है। यहां ओरेकल ओपन वर्ल्ड 2015 सम्मेलन में विशाल सिक्का ने सूचना-प्रौद्योगिकी दुनिया के टॉप दिग्गजों को संबोधित करते हुए कहा कि किस तरह से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से जटिल समस्याओं को भी आसानी से हल किया जा सकता है। सिक्का ने कहा, “दुनिया की नजर बेहतर सेवा मुहैया कराने वालों पर है। मैंने तीन बड़े बदलाव देखे हैं- उपभोक्ताओं पर अपना ध्यान केंद्रित करना, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उद्भव तथा आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस व अल्टीमेट क्लाउड की घटना।”

इस मौके पर सिक्का ने बताया कि इंफोसिस फाइनेकल्स कोर बैकिंग सॉल्यूशन जो कि ओरेकल के सुरक्षित सुपर क्लस्टर एम-7 माइक्रोप्रोसेसर पर काम करता है, उसने बैंकिंग ट्रांजैक्शन का एक शानदार रिकॉर्ड बनाया है। उन्होंने कहा, “यह सॉफ्टवेयर करीब दो अरब बैंक खातों को सपोर्ट करता है। इसके परिणाम शानदार हैं। इससे बैंकों की लागत घटने के साथ ही उनकी लेनदेन की क्षमता में बढ़ोतरी हुई है।” उन्होंने बताया कि सभी तरह की बैंकिंग मसलन ब्रांच ट्रांजेक्शन, एटीएम ब्रांचेज, ऑनलाइन ट्रांजैक्शन, मोबाइल ट्रांजैक्शन में भी इसका सफल परीक्षण किया गया है। इस मौके पर ओरेकल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष, (उत्पाद विकास) गणेश राममूर्ति ने बताया कि सुपर क्लस्टर एम-7, स्पार्क टी-7 और एम-7 सुरक्षित बैंकिंग ट्रांजैक्शन को सुरक्षित करने में महती भूमिका निभा रहा है। इस दौरान सिक्का ने कहा कि उनके भविष्य की रणनीति ओरेकल की मदद के बिना संभव नहीं है।

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18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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