अन्तर्राष्ट्रीय
जनरल राहील शरीफ ने पाकिस्तान छोड़ने में मेरी मदद की : मुशर्रफ
इस्लामाबाद | पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ ने दावा किया है कि पूर्व सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ ने सरकार को अदालतों पर दबाव बनाने से रोककर उन्हें देश छोड़कर जाने में मदद की थी। शरीफ ने सोमवार को ‘दुनिया न्यूज’ पर एक टॉक शो में कहा, “उन्होंने (राहील शरीफ) मेरी मदद की।
मैं उनका बॉस रहा हूं और उनसे पहले मैं सेना प्रमुख रह चुका हूं..उन्होंने मेरी मदद की क्योंकि मामलों का राजनीतिकरण किया गया था। उन्होंने (सरकार ने) मुझे ईसीएल (एक्जिट कंट्रोल लिस्ट) में डाल दिया था, इसे एक राजनीतिक मुद्दा बना दिया था।” मुशर्रफ ने कहा कि जनरल शरीफ ने देश छोड़ने के मामले में उन पर अदालतों का दबाव कम कर उन्हें जाने में मदद की।
मुशर्रफ ने कहा, “पर्दे के पीछे, उस दबाव को दूर करने में सेना प्रमुख की भूमिका रही है।” मुशर्रफ ने कहा, “इस मामले में सरकार जो दबाव डाल रही थी, उन्होंने (राहील शरीफ ने) उसे खत्म कराया, जिसके बाद अदालतों ने अपना फैसला सुनाते हुए मुझे इलाज के लिए विदेश जाने की अनुमति दे दी।”
मुशर्रफ ने कहा कि पाकिस्तानी अदालतें, “दुर्भाग्य से..पर्दे के पीछे के दबाव के तहत फैसला सुनाती हैं और जनरल शरीफ ने प्रभावकारी भूमिका निभाकर इस दबाव को खत्म किया।” मुशर्रफ इस साल मार्च में आतंरिक मंत्रालय द्वारा एक्जिट कंट्रोल लिस्ट से उनका नाम हटाने का नोटिस जारी किए जाने के कुछ घंटों बाद ही दुबई के लिए रवाना हो गए थे।
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा उनकी विदेश यात्रा पर लगा प्रतिबंध हटाने का निर्देश जारी किए जाने के बाद सरकार ने अधिसूचना जारी की थी।
सेवानिवृत्त जनरल पर बेनजीर भुट्टो, नवाब अकबर बुगती और गाजी अब्दुल रशीद की हत्या के मामलों के अलावा नवंबर 2007 में आपातकाल लगाने, न्यायधीशों को गिरफ्तार करने और उनकी शक्तियों को सीमित करने को लेकर देशद्रोह का मुकदमा भी चल रहा है।
मुशर्रफ का नाम 20 महीने से भी ज्यादा समय तक ईसीएल में रखा गया था।
IANS News
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।
इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।
इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।
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