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जनवरी-मार्च तिमाही में सोने की मांग 15 फीसदी बढ़ी : डब्ल्यूजीसी
मुंबई| देश में सोने की मांग जनवरी-मार्च 2015 तिमाही में 191.7 टन थी, जो साल-दर-साल आधार पर 15 फीसदी अधिक थी। यह बात गुरुवार को जारी विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) की एक रिपोर्ट में कही गई। जनवरी-मार्च 2014 में सोने की मांग 167.1 टन थी।
डब्ल्यूजीसी के भारतीय मामलों को देखने वाले प्रबंध निदेशक सोमा सुंदरम पीआर ने कहा, “2015 की पहली तिमाही में भारत में सोने की मांग साल-दर-साल आधार पर 15 फीसदी अधिक रही, हालांकि यह पांच साल के औसत से अब भी नीचे है।”
उन्होंने कहा कि गत वर्ष स्वर्ण आयात घाटाने वाली नीतियों, कमजोर आर्थिक माहौल और आम चुनाव के दौरान कारोबारी अनिश्चितता के कारण सोने की मांग कम थी, इसलिए इस वर्ष इसमें वृद्धि दर्ज की गई है।
उन्होंने कहा, “इसके उलट आयात पर से नियंत्रणकारी नीतियों में ढिलाई बरतने और बजट में नए स्वर्ण उत्पाद पेश करने के कारण पिछले कुछ महीने से स्वर्ण बाजार में सरगर्मी बढ़ी है, जिसके कारण खरीदारी सामान्य स्तर पर लौट आई है।”
2015 की पहली तिमाही में देश में 46,730.6 करोड़ रुपये के सोने की मांग रही, जो एक साल पहले के 42,898.6 करोड़ रुपये की मांग से नौ फीसदी अधिक है।
आलोच्य अवधि में कुल आभूषण मांग 22 फीसदी बढ़कर 150.8 टन दर्ज की गई, जो एक साल पहले 123.5 टन थी।
सोमासुंदरम ने कहा, “भले ही साल के शुरू में हुए बेमौसमी बारिश के कारण ग्रामीण अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी, फिर भी इस वर्ष सोने की मांग 900-1,000 टन के दायरे में रहने का अनुमान है।”
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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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