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प्रादेशिक

जम्मू : पुलिस से भिड़े सिख प्रदर्शनकारी, 1 की मौत

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जम्मू। सिखों के एक समूह ने आतंकवादी सिख नेता जरनैल सिंह भिंडरावाले की तस्वीर वाले पोस्टर हटाए जाने के विरोध में गुरुवार को यहां प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने सड़कें अवरुद्ध कर अपना विरोध जताया। इस दौरान सुरक्षा बलों और सिखों के एक समूह के बीच झड़प हो गई, जिसमें एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई, जबकि तीन पुलिस कर्मियों सहित दर्जनभर से अधिक पुलिस कर्मी घायल हो गए। घटना के बाद से अधिकारी इलाके में कर्फ्यू लगाने पर विचार कर रहे हैं।

पुलिस ने बताया कि गड़ीगढ़ इलाके में सिख प्रदर्शनकारियों की हिंसक भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा बलों को गोली चलानी पड़ी, जिसमें एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई और तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए। मृतक व्यक्ति की पहचान जगजीत सिंह के रूप में हुई है। उसके पिता का नाम नरवीर सिंह है और वह आरएस पुरा के चोहला का निवासी था। चिकित्सकों ने घायल पुलिसकर्मियों की हालत गंभीर बताई है। प्रदर्शकारी की मौत की खबर के बाद सिख प्रदर्शनकारियों ने कठुआ जिले के राजबाग इलाके में जम्मू-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित कर दिया। जम्मू शहर के सिख बहुल इलाके नानक नगर, दिजिआना और गोलगुजराल इलाके में सिख प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए।

रिपोर्टों के मुताबिक हिंसा को बढ़ने से रोकने के लिए अधिकारी संवेदनशील इलाकों में कर्फ्यू लगाने पर विचार कर रहे हैं। सिख प्रदर्शनकारियों ने गुरुवार सुबह गड़ीगढ़ में जम्मू-आर.एस. पुरा मार्ग अवरुद्ध कर दिया था और राजमार्ग पर टायर जला दिए थे। वे बुधवार को पुलिस द्वारा भिंडरावाले का इलाके में लगा एक पोस्टर हटाए जाने का विरोध कर रहे थे। भिंडरावाले का पोस्टर हटाने के विरोध में एक युवक ने बुधवार को जम्मू शहर के सतवारी इलाके में चाकू से पुलिस के एक सहायक उप निरीक्षक पर हमला कर दिया था, जिसके बाद यहां पर सिख समुदाय में तनाव बढ़ गया था।

वरिष्ठ पुलिस और नागरिक प्रशासन अधिकारी, जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक घटनास्थल की ओर रवाना हो चुके हैं। पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को भी इलाके की ओर रवाना कर दिया गया है ताकि आगे किसी भी तरह की हिंसा से बचा जा सके।

उत्तर प्रदेश

निराश्रित बच्चों के लिए सुरक्षित और संवेदनशील वातावरण बनाने में जुटी योगी सरकार

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में महिला कल्याण विभाग ने बच्चों के सर्वांगीण विकास और सुरक्षा के लिए एक नई और महत्वपूर्ण पहल की है। इस पहल के तहत राज्य के विभिन्न जनपदों में 10 नए बाल संरक्षण गृहों का निर्माण और संचालन किया जाएगा। इन संरक्षण गृहों का उद्देश्य बच्चों को सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण प्रदान करना है, जहाँ वे अच्छे नागरिक के रूप में विकसित हो सकें।

वाराणसी, गोरखपुर, लखनऊ, अयोध्या समेत 10 जिलों में बनेंगे नए बाल संरक्षण गृह

महिला कल्याण विभाग द्वारा प्रस्तावित इस योजना के अनुसार, प्रदेश के मथुरा, प्रयागराज, कानपुर नगर, आजमगढ़, झांसी, अमेठी, फिजाबाद, देवरिया, सुल्तानपुर, तथा ललितपुर में इन संरक्षण गृहों की स्थापना की जाएगी। हर संरक्षण गृह में 100-100 बच्चों को रखने की क्षमता होगी, जिससे अधिक से अधिक बच्चों को लाभान्वित किया जा सके। इनमें 1 राजकीय बाल गृह(बालिका) 1 राजकीय बाल गृह (बालक), 7 राजकीय संप्रेक्षण गृह (किशोर), किशोर न्याय बोर्ड सहित 1 प्लेस ऑफ सेफ्टी गृह शामिल है। इन संरक्षण गृहों में बच्चों को न केवल रहने की सुविधाएं दी जाएंगी, बल्कि उनके शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास का भी ध्यान रखा जाएगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशानुरूप महिला एवं बाल विकास विभाग इन संरक्षण गृहों की स्थापना से असहाय और संवेदनशील बच्चों को एक नया जीवन देकर समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास कर रहा है। इन गृहों में बच्चों को एक संरक्षित वातावरण में शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, मानसिक स्वास्थ्य सहायता और जीवन कौशल जैसी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।

समाज में बदलाव लाने की दिशा में एक बड़ा कदम

इस योजना के तहत राज्य सरकार ने बाल संरक्षण गृहों के निर्माण के लिए आवश्यक फंड भी निर्धारित किए हैं। सभी गृहों का निर्माण योगी सरकार अपने बजट से करेगी। वहीं इन गृहों के संचालन में केंद्र सरकार द्वारा मिशन वात्सल्य योजना के प्राविधानों के केंद्रांश-60 प्रतिशत और राज्यांश-40 प्रतिशत के अनुसार राज्य सरकार पर 7.96 करोड़ रुपये का व्ययभार आएगा। इसके साथ ही मुख्यमंत्री बाल आश्रय योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में 100 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है। योजना के सफल संचालन के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह भी सुनिश्चित किया है कि इन गृहों का निर्माण और प्रबंधन गुणवत्ता मानकों के अनुसार किया जाएगा। इसके लिए सरकार ने टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से कंसल्टेंट्स का चयन भी किया है, ताकि इन बाल संरक्षण गृहों में दी जाने वाली सेवाओं का उच्चतम स्तर सुनिश्चित किया जा सके।

बाल अधिकारों की रक्षा में सीएम योगी का सशक्त प्रयास

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उद्देश्य है कि राज्य का कोई भी बच्चा असुरक्षित या उपेक्षित महसूस न करे। सीएम योगी ने कहा कि बच्चों के अधिकारों की रक्षा करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए, क्योंकि वे समाज के भविष्य हैं। इस योजना के तहत बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए विशेष प्रशिक्षित कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी, जो उनकी सुरक्षा और कल्याण के प्रति संजीदा होंगे। इन बाल संरक्षण गृहों में बच्चों को उनकी उम्र और जरूरतों के हिसाब से सेवाएं दी जाएंगी, ताकि वे मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रह सकें।

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