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बिजनेस

जीएमआर राजामुंदरी एनर्जी का संचालन शुरू

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हैदराबाद| जीएमआर एनर्जी लिमिटेड की सहायक कंपनी जीएमआर राजामुंदरी एनर्जी लिमिटेड (जीआरईएल) ने शुक्रवार को कहा कि उसने आंध्र प्रदेश के राजामुंदरी में स्थित गैस आधारित 384 मेगावाट के अपने दो बिजली संयंत्रों का वाणिज्यिक संचालन शुरू कर दिया है। कंपनी ने अपने बयान में कहा कि ई-बिड आरएलएनजी योजना के तहत गैस आपूर्ति शुरू होने के बाद संयंत्र का वाणिज्यिक संचालन शुरू हो गया है।

बयान में कहा गया है, “योजना के मुताबिक सरकार पॉवर सेक्टर डेवलपमेंट फंड से प्रति यूनिट 1.44 रुपये की दर से बिजली वितरण कंपनियों को सब्सिडी देगी।”

बयान में कहा गया है कि अभी संयंत्र में 384 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा, जिसकी आपूर्ति आंध्र प्रदेश की बिजली वितरण कंपनियों को की जाएगी।

जीआरईएल के प्रवक्ता ने कहा कि ई-बिड आरएलएनजी योजना के तहत गैस आपूर्ति से बिजली दर ठीक करने में मदद मिलेगी और इससे राज्य में बिजली आपूर्ति की स्थिति ठीक होगी।

 

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नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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