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बिजनेस

जीएसटी की वेबसाइट बंद, उलझन में व्यापारी

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नई दिल्ली, 19 अगस्त (आईएएनएस)| देश भर के व्यापारियों को शनिवार को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, जब वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) फाइल करने वाली वेबसाइट ने जीएसटी रिटर्न दाखिल करने के अंतिम दिन से एक दिन पहले कुछ समय के लिए काम करना बंद कर दिया।

एसोचैम के अध्यक्ष (स्पेशल टास्क फोर्स ऑन जीएसटी) प्रतीक जैन ने आईएएनएस को बताया, दोपहर 12 बजे के बाद से ही जीएसटी की वेबसाइट रुक-रुक कर चल रही थी। इससे व्यापारियों के बीच काफी उलझन पैदा हो गई। हमारे कई ग्राहकों ने बताया कि इस गड़बड़ी के कारण वे रिटर्न दाखिल नहीं कर सके। अगर ऐसा आगे भी जारी रहता है तो सरकार को जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की तिथि अगले कुछ दिनों के लिए बढ़ा देनी चाहिए।

जीएसटीआर-3बी दाखिल करने की तिथि जुलाई से लेकर 20 अगस्त तक है, जिमसें माल की आवाजाही और उधार/भुगतान के आंकड़े दाखिल करना है।

जीएसटी की वेबसाइट पर लगी नोटिस में कहा गया, यह सेवा 19 अगस्त को दोपहर 2 बजे से 2.45 बजे तक उपलब्ध नहीं है। कृपया बाद में आएं।

अगस्त महीने के रिटर्न का विवरण दाखिल करने की अंतिम तिथि 20 सितंबर है।

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नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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