प्रादेशिक
झारखंड : नई अवकाश नीति के विरोध में चिकित्सक देंगे इस्तीफा
रांची। झारखंड में चिकित्सकों ने सोमवार को कहा कि राज्य सरकार ने अगर नई अवकाश नीति वापस नहीं ली तो वे सामूहिक इस्तीफा दे देंगे।
झारखंड राज्य स्वास्थ्य सेवा संघ (जेएचएसए) के अध्यक्ष बिमलेश सिंह ने संवाददाताओं से कहा, “हमने रविवार को मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव से मुलाकात की और उन्हें अपनी चिंताओं से अवगत कराया। अगर नई अवकाश नीति वापस नहीं ली गई तो हम 2 नवंबर से सामूहिक अवकाश लेंगे और 15 नवंबर को सामूहिक इस्तीफा दे देंगे।” 15 नवंबर को झारखंड अस्तित्व में आया था।
नई अवकाश नीति के मुताबिक ग्रामीण इलाकों में तैनात शिक्षकों और चिकित्सकों को छुट्टी लेने के लिए गांव के मुखिया से इजाजत लेनी पड़ेगी। मुखियाओं को इनकी उपस्थिति की जांच का अधिकार भी दिया गया है। इस नीति के खिलाफ रविवार को 600 चिकित्सकों ने मार्च निकाला। चिकित्सक मुख्यमंत्री आवास घेरने जा रहे थे लेकिन उन्हें राज्यपाल के आवास के पास रोक लिया गया जहां वे धरने पर बैठ गए।
200 चिकित्सकों के खिलाफ पुलिस से झड़प की शिकायत दर्ज कराई गई है। चिकित्सकों को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) का समर्थन हासिल है। आईएमए की महिला शाखा की अध्यक्ष भाटी कश्यप ने कहा, “सिर्फ चिकित्सक और शिक्षक ही क्यों? नौकरशाहों और पुलिस अधिकारियों को भी पंचायती राज व्यवस्था के तहत लाया जाना चाहिए।”
शिक्षकों ने भी कहा है कि वे नई अवकाश नीति के खिलाफ प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे। उन्होंने नीति के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चलाने और मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने का फैसला किया है। शिक्षकों ने कहा है कि वे 15 नवंबर को मुख्यमंत्री के सामने प्रदर्शन करेंगे।
उत्तर प्रदेश
महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी
प्रयागराज | महाकुंभ 2025 के वृहद आयोजन को सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी कर रही है। दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम में परिंदा भी पर न मार सके, इसके लिहाज से स्वास्थ्य कर्मियों के साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कई टीमें मिलकर काम कर रही हैं। महाकुंभ से पहले केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर प्रॉब्लम से निपटने के लिए भी टीम को तैयार कर लिए जाने की योजना है। इसके लिए बाकायदा कर्मचारियों को हर आपदा से निपटने की विधिवत ट्रेनिंग दी जाएगी। यही नहीं योगी सरकार के निर्देश पर श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए भी प्रयागराज के अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अपग्रेड करने में लगे हैं।
श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट की भी व्यवस्था
संयुक्त निदेशक (चिकित्सा स्वास्थ्य) प्रयागराज वीके मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महाकुंभ के दौरान स्वास्थ्य विभाग सभी इंतजाम पुख्ता करने में जुटा है। इसके तहत कर्मचारियों को महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की ट्रेनिंग दी जाएगी। महाकुंभ में देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए टीबी सप्रू और स्वरूपरानी अस्पताल को तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम के साथ स्वास्थ्य कर्मियों के मिलकर काम करने की योजना बनाई गई है। सनातन धर्म के सबसे बड़े आयोजन के दौरान हर एक श्रद्धालु को केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर संबंधी हर प्रॉब्लम से सुरक्षित रखने के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं।
अनुभवी चिकित्सकों की ही तैनाती
महाकुंभ के दौरान देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की देखरेख के लिए 291 एमबीबीएस व स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की तैनाती रहेगी। इसके अलावा 90 आयुर्वेदिक और यूनानी विशेषज्ञ भी इस अभियान में सहयोग के लिए मौजूद रहेंगे। साथ ही 182 स्टॉफ नर्स इन चिकित्सकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर जरूरतमंदों के स्वास्थ्य की देखभाल करेंगी। इस प्रक्रिया में ज्यादातर अनुभवी चिकित्सकों को ही महाकुंभ के दौरान तैनाती दी जा रही है।
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