अन्तर्राष्ट्रीय
ट्रंप के ट्वीट छपने योग्य, हटाया नहीं जाएगा : ट्विटर
सैन फ्रांसिस्को, 26 सितम्बर (आईएएनएस)| ट्विटर उपयोगकर्ता इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि उत्तर कोरिया को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ताजा विवादास्पद ट्वीट को ट्विटर से हटाया क्यों नहीं गया, जो स्पष्ट तौर पर इसके दिशानिर्देशों का उल्लंघन करता है। ट्विटर ने इसका बहुत ही भ्रामक जवाब दिया है।
ट्रंप ने बीते सप्ताह ट्वीट कर कहा था, अभी उत्तर कोरिया के विदेश मंत्री का संयुक्त राष्ट्र को संबोधन सुना। यदि वह ‘लिटिल रॉकेट मैन’ के विचारों को ही दोहराएंगे तो वे ज्यादा दिनों तक नहीं टिक सकेंगे।
लोग अचंभित हैं कि ट्विटर के नियमों का उल्लंघन करने वाले ट्रंप के इस ट्वीट को अभी तक हटाया क्यों नहीं गया है।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्विटर के सह संस्थापक बिज स्टोन ने सोमवार रात कहा, आपमें से कुछ यह पूछ रहे हैं कि हमने यहां उल्लिखित ट्वीट को हटाया क्यों नहीं है। सभी ट्विटर खातों के लिए हमारे समान नियम लागू हैं और यह आकलन करने के लिए कि ट्वीट में हमारे नियमों का उल्लंघन किया गया है या नहीं, हम कई कारकों को देखते हैं।
स्टोन ने कहा, ट्वीट को हटाने से पहले यह विचार किया जाता है कि क्या यह ट्वीट छपने योग्य है या सार्वजनिक हित में है। यह हमारी दीर्घ आंतरिक नीति रही है और हम जल्द ही हमारे सर्वाजनिक नियमों को उन्नत करेंगे। हमें इन्हें और बेहतर करने की जरूरत है और हम करेंगे।
इसके बाद कंपनी के प्रवक्ता ने रिकोड को बताया कि ट्रंप के ट्वीट से इस बात की पुष्टि नहीं हुई कि इससे ट्विटर के नियमों का उल्लंघन हुआ है।
इस रिपोर्ट में प्रवक्ता के हवाले से कहा गया, ट्वीट का छपने योग्य होना भी एक कारक है, जिसके आधार पर यह फैसला लिया जाता है कि उसे हटाया जाए या नहीं।
ट्विटर ने सार्वजनिक तौर पर कभी यह स्वीकार नहीं किया कि ट्रंप के ट्वीट से इसके दिशानिर्देशों का उल्लंघन हुआ है।
ट्विटर के सीईओ जैक डोरसी ने भी ट्रंप के ट्वीट्स का बचाव किया है।
IANS News
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।
इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।
इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।
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