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बिजनेस

डिजिटल बैंकिंग में एचडीएफसी का नया अभियान

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डिजिटल बैंकिंग, एचडीएफसी का नया अभियान, ‘हर जरूरत पूरी हो चुटकी में, बैंक आपकी मुट्ठी में’

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मुंबई। एचडीएफसी बैंक ने अपने एकीकृत, राष्ट्रव्यापी ब्रांड अभियान ‘हर जरूरत पूरी हो चुटकी में, बैंक आपकी मुट्ठी में’ की घोषणा की। प्रिंट, रेडियो, डिजिटल, आउटडोर मीडिया, एटीएम और बैंक की शाखाओं तक यह अभियान भारत के प्रमुख डिजिटल बैंक के रूप में एचडीएफसी बैंक की स्थिति को सुदृढ़ करेगा। तीन माह लंबे इस अभियान में एचडीएफसी बैंक के इंस्टैंट एकाउंट, वन क्लिक भुगतान और वन क्लिक खरीदारी, 10-सेकेंड ऋण, तत्काल निवेश जैसे उत्पाद और प्रस्ताव भी शामिल होंगे जो समय, कागजी कार्यवाही और बैंक की शाखा जाने जैसी गैरजरूरी परेशानियों से बचाने के लिए उपभोक्ताओं को स्मार्टफोन और इंटरनेट पर डिजिटल रूप से उपलब्ध है। इस अभियान की मूल विषय वस्तु यह है कि डिजिटल बैंकिंग उपभोक्ताओं को अभूतपूर्व ढंग से सहूलियतें देने का काम कर रहा है।

मोबाइल फोन के इस्तेमाल से सामान्य बैंकिंग परिचालन करने से ले कर नेटबैंकिंग के जरिये 10 सेकेंड में निजी ऋण देने के प्रस्ताव और एप्पल आईवाच के इस्तेमाल से पहनने योग्य बैंकिंग ऐप्लिकेशन तक एचडीएफसी बैंक अपने उपभोक्ताओं को लाभ देने के लिए नवीनतम तकनीक के इस्तेमाल से लगातार ऐसी सेवाएँ पेश करता आ रहा है। एचडीएफसी बैंक के प्रबंध निदेशक आदित्य पुरी ने कहा कि “हमारी सभी सुविधाएँ डिजिटल हो चुकी हैं। यह हमारे #गो डिजिटल, बैंक आपकी मुट्ठी में, अभियान के तारतम्य में है। जो बैंक अपने उत्पादों और सुविधाओं तक उपभोक्ताओं की पहुँच को आसान बनाने के लिए नवीनतम प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं, वे जल्द ही अप्रासंगिक हो जायेंगे।”

उदाहरण के लिए इस साल जून में, एचडीएफसी बैंक ने भुगतान सुविधा पेजैप्प शुरू की जिसने मोबाइल उपकरण के इस्तेमाल से भुगतान और खरीदारी के तरीके में क्रांति ला दी। इस ऐप्लिकेशन को डाउनलोड करने के बाद उपभोक्ता महज एक क्लिक के जरिये अपने सभी खर्चों जैसे तत्काल धन हस्तांतरण के लिए मोबाइल टॉप-अप, किराना से लेकर सिनेमा के टिकट खरीदने और यहाँ तक कि अवकाश बिताने के उद्देश्य से विदेशी दौरे के लिए टिकट तक का भुगतान कर सकता है। पेजैप्प में एक वर्चुअल मेगा मार्केटप्लेस स्मार्टबाय भी शामिल है जिसमें एक मॉल की तरह रोजमर्रा की जरूरतों से ले कर खास जरूरतों तक को पूरा करने वाले, हर तरह के उत्पाद मौजूद हैं।

एचडीएफसी बैंक के वरिष्ठ कार्यकारी उपाध्यक्ष और कार्ड, मर्चेंट एक्वायरिंग सेवा और मार्केटिंग विभाग के बिजनेस हेड पराग राव ने कहा, “डिजिटल की अवधारणा अब एचडीएफसी बैंक के डीएनए में शामिल हो चुकी है। इसकी शुरुआत एक साल पहले हमारे ‘बैंक आपकी मुट्ठी में’ मुहिम की पेशकश के साथ वाराणसी में हुई थी जिसने उपभोक्ताओं के हाथों में बैंकिंग सुविधाओं की ताकत सौंप दी थी। यह बैंक द्वारा शुरू किया गया अब तक का सबसे बड़ा ब्रांडिंग अभियान था और इसका जोर एक डिजिटल बैंक के रूप में बदलने की हमारे सोच पर था।

अपने डिजिटल अभियान के तहत बैंक ने इस साल पहलकदमियों का एक सिलसिला शुरू किया है। इसमें एक मोबाइल ऐप्लिकेशन, जो उपभोक्ता को उसकी खरीदारी या भुगतान जरूरतों को पूरा करने की सुविधा देता है, 10 सेकेंड में निजी ऋण और बायोमेट्रिक सत्यापन के जरिये 30 मिनट में ऑटो ऋण देने की सुविधा शामिल है। वित्त वर्ष 2014-15 में एचडीएफसी बैंक के सभी सौदों का 63% हिस्सा डिजिटल माध्यमों के जरिये हुआ है।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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