प्रादेशिक
डीयू के प्रयोगशाला कर्मी बुधवार से धरने पर
नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय एवं कॉलेज लैबोरेटरी स्टाफ एसोसिएशन (डीयूसीएलएसए) ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर बुधवार से तीन दिवसीय धरने का आह्वान किया है। इस दौरान प्रयोगशाला कर्मी कार्यों से विरत रहेंगे। संस्था ने छठे वेतन आयोग के अंतर्गत मौजूद मोडिफाइड एस्योर्ड करियर प्रमोशन (एमएसीपी) को पूरी तरह लागू करने की मांग की है। इसके अतिरिक्त संस्था की तीन अन्य मांगें -लैब अटेंडेंड को लैब असिस्टेंट के रूप में पदोन्नति देना, प्रयोगशालाओं में लैब अटेंडेंट की नियुक्ति और मार्च 2015 में डीयूसीएलएसए द्वारा सौंपी गई मांगों की सूची पर विचार करने के लिए आयोग का गठन करना है।
डीयूसीएलएसए के महासचिव राजेश मेहता ने बताया कि हम छठे वेतनमान के तहत एमएसीपी के पूर्ण क्रियान्वयन की मांग कर रहे हैं। हमने 18 मार्च को कुलपति को मांगों की सूची सौंपी थी, लेकिन हमें अब तक बातचीत के लिए नहीं बुलाया गया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के दक्षिणी कैंपस में यह लागू हो गया है और वहां कर्मचारियों को इसी अनुसार वेतनमान मिल रहा है, लेकिन उत्तरी कैंपस में इसे लागू नहीं किया गया है।
विश्वविद्यालय में 17 अप्रैल से प्रायोगिक परीक्षाएं शुरू होने वाली है, लिहाजा प्रयोगशाला कर्मियों के आंदोलन के कारण विद्यार्थियों को नुकसान उठाना पड़ सकता है। इस संबंध में मेहता ने कहा कि विश्वविद्यालय में बाबूगिरी के कारण हमारी मांगें पूरी करने में अड़चने आ रही हैं। हम खुद नहीं चाहते कि विश्वविद्यालय की व्यवस्था प्रभावित हो और इसका असर विद्यार्थियों पर पड़े, लेकिन हमारी मांग पर ध्यान न देने के कारण हमें यह कदम उठाने को मजबूर होना पड़ा।
गौरतलब है कि डीयूसीएलएसए के सदस्यों में विश्वविद्यालय के विज्ञान विभाग तथा कॉलेज के करीब 2,000 कर्मचारी शामिल हैं। इन सभी के धरने पर जाने से प्रयोगशाला का काम पूरी तरह ठप पड़ जाएगा। इस धरने को लेकर डीयूसीएलएसए को दिल्ली विश्वविद्यालय एवं कॉलेज कर्मचारी यूनियन (डीयूसीकेयू), दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक एसोसिएशन (डूटा), दिल्ली विश्वविद्यालय अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण एसोसिएशन, दिल्ली विश्वविद्यालय अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण एसोसिएशन, सोसाइटी आफ बायोमेडिकल लेबोरेटरी साइंटिस्ट (भारत) का समर्थन मिल रहा है।
प्रादेशिक
IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी
महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।
कौन हैं IPS संजय वर्मा?
IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।
कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।
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