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प्रादेशिक

डी-लिंक हैदराबाद में स्थापित करेगी आरएंडडी केंद्र

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R&D

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हैदराबाद | नेटवर्किंग कंपनी डी-लिंक हैदराबाद में 350 करोड़ रुपये की लागत से एक वैश्विक अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) तथा नेटवर्क प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करेगी। डी-लिंक एवं तेलंगाना सरकार के बीच इस उद्देश्य से ताइपे में एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

तेलंगाना में सूचना प्रौद्योगिकी सचिव जयेश रंजन और डी-लिंक के प्रबंध निदेशक यांग याओ चुआन ने राज्य के सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्री के. तारकरामा राव की मौजूदगी में एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए। राज्य से एक प्रतिनिधिमंडल इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर विनिर्माण में निवेश आकर्षित करने के लिए ताईवान और हांगकांग के दौरे पर है।

मंत्री के कार्यालय से शुक्रवार को जारी एक बयान के मुतााबिक, इस साझेदारी से स्थानीय आईटी उद्योग का विकास होगा और आरएंडडी केंद्र में 1,000 पेशेवरों को नौकरियां मिल पाएंगी। बयान में डी-लिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डगलस सियाओ के हवाले से कहा गया है, “1990 में डी-लिंक ने भारतीय बाजार में प्रवेश किया और 2001 में यह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में सूचीबद्ध हुआ। अभी देश में हमारे 80 से अधिक वितरण चैनल और 2,000 से अधिक साझेदार हैं।”

साझेदारी के तहत कंपनी सरकार के साथ मिलकर वाई-फाई हॉटस्पॉट लगाएगी, जो आम नागरिकों तथा संस्थानों को इंटरनेट सेवा देगी। बयान में कहा गया है, “डी-लिंक सरकारी नेटवर्किं ग अवसंरचना का भी आधुनिकीकरण करेगी, ताकि यह साइबर हमलों से सुरक्षित रहे।”

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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