अन्तर्राष्ट्रीय
तख्तापलट पर किए ट्वीट को लेकर फंसी मिस तुर्की, ताज छिना
इस्तांबुल, 23 सितम्बर (आईएएनएस)| पूर्व में किए गए एक ट्वीट के सामने आने के बाद मिस तुर्की से उनका ताज छीन लिया गया है। बीबीसी ने शुक्रवार को बताया कि इतिर एसेन (18) ने पिछले साल हुए तख्ता पलट के प्रयास के संदर्भ में अपने मासिक धर्म के रक्त की तुलना ‘शहीदों’ के रक्त से कर दी थी।
प्रतियोगिता के आयोजकों ने कहा कि ट्वीट ‘अस्वीकार्य’ है और उनकी जीत के कुछ घंटों के बाद ही उनका ताज छीनने के फैसले पुष्टि कर दी।
एसेन ने इंस्टाग्राम के जरिए कहा कि वह राजनीतिक नहीं हैं और न राजनीति कर रही थीं।
ट्वीट 15 जुलाई को तख्तापलट के प्रयास की पहली वर्षगांठ के आसपास किया गया था। लगभग 250 लोग तख्पालट की कोशिश करने वाले सैनिकों से लड़ते हुए मारे गए थे।
उन्होंने लिखा था, 15 जुलाई का शहीद दिवस मनाने के लिए आज सुबह मुझे मासिक धर्म आ गया। मैं प्रतीकात्मक रूप से हमारे शहीदों का रक्त बहाकर यह दिन मना रही हूं।
तुर्की के राष्ट्रपति तख्तापलट के विरोध के दौरान मारे गए लोगों का जिक्र नियमित रूप से शहीद के रूप में करते हैं।
सौंदर्य प्रतियोगिता के आयोजकों ने कहा कि गुरुवार को इस्तांबुल में प्रतियोगिता के आयोजित होने तक ट्वीट के बारे में नहीं पता था। इसका पता चलने के बाद देर तक चली एक बैठक में चर्चा के बाद और पोस्ट की पुष्टि होने के बाद एसेन से मिस तुर्की का खिताब वापस लेने का फैसला किया गया।
आयोजकों ने शुक्रवार को फैसले के संदर्भ में एक बयान जारी कर कहा, हमें यह कहते हुए अफसोस है कि यह ट्वीट इतिर एसेन द्वारा किया गया है। मिस तुर्की संगठन द्वारा ऐसे पोस्ट को बढ़ावा देना संभव नहीं है, इस संगठन का मकसद तुर्की को दुनिया से परिचित कराना और इसकी छवि में योगदान देना है।
एसेन ने माफी मांगते हुए कहा कि उन्हें गलत समझा गया है।
उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा, मैं कहना चाहती हूं कि एक 18 साल की लड़की के रूप में इस पोस्ट को साझा करने के पीछे मेरा कोई राजनीतिक मकसद नहीं था। मैं अपनी मातृभूमि व राष्ट्र का सम्मान करने की सीख के साथ बड़ी की गई हूं।
एसेन की जगह अब रनर-अप अस्ली सुमेन चीन में होने वाली मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता में तुर्की का प्रतिनिधित्व करेंगी।
IANS News
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।
इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।
इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।
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