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अन्तर्राष्ट्रीय

तालिबानी हमले के 5 वर्ष बाद पाकिस्तान लौटीं मलाला

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इस्लामाबाद, 29 मार्च (आईएएनएस)| नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई पांच वर्षो बाद गुरुवार को अपने मुल्क पाकिस्तान लौटीं हैं। लड़कियों की शिक्षा की वकालत करने के लिए करीब पांच साल पहले तालिबानी आतंकवादियों ने उनके सिर पर गोली मार दी थी।

‘जियो’ के मुताबिक, 20 वर्षीया मलाला लंदन से बीती रात करीब 1.41 बजे अपने माता-पिता और मलाला फंड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के साथ बेनजीर भुट्टो अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पहुंची।

मलाला प्रधानमंत्री शाहिद खकान अब्बासी और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के साथ ही अन्य महत्वपूर्ण शख्सियतों से मुलाकात कर सकतीं हैं।

पाकिस्तान में अपने चार दिवसीय प्रवास के दौरान यूसुफजई ‘मीट द मलाला’ कार्यक्रम में भी भाग लेंगी।

स्वात घाटी की रहने वाली मलाला को अक्टूबर वर्ष 2012 में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के आतंकवादियों ने स्कूल से लौटने वक्त उन्हें गोली मार दी थी।

मलाला के सिर पर गोली लगी थी और उन्हें पेशावर के अस्पताल में भर्ती किया गया लेकिन बाद में उन्हें इलाज के लिए लंदन भेज दिया गया।

‘जियो’ के मुताबिक, मलाला को गोली मारने की घटना की अंतर्राष्ट्रीय तौर पर व्यापक निंदा हुई थी।

वर्ष 2014 में मलाला को भारत के बाल अधिकारों के लिए काम करने वाले कैलाश सत्यार्थी के साथ नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 17 वर्षीया मलाला यह पुरस्कार प्राप्त करने वाली सबसे कम उम्र की शख्स थीं।

इस माह की शुरुआत में मलाला नेटफ्लिक्स पर ‘माइ नेक्सट गेस्ट नीड्स नो इंट्रोडक्शन’ में डेविड लेटरमैन के साथ नजर आईँ थीं।

इस दौरान उन्होंने स्वात के बारे में कहा था, यह धरती पर स्वर्ग जैसा है। ब्रिटेन पहुंचने से पहले मुझे स्वात की सुंदरता का एहसास नहीं था।

‘डॉन’ के मुकाबिक, पिछले साल कनाडा के दौरे पर मलाला को देश की संसद को संबोधित करने का अवसर मिला था।

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IANS News

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।

इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।

इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

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