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प्रादेशिक

तेलंगाना में संदिग्ध आतंकी की तलाश जारी

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हैदराबाद। तेलंगाना के नलगोंडा जिले में छुपे एक अन्य संदिग्ध आतंकवादी के लिए पुलिस का संयुक्त तलाशी अभियान सोमवार को भी जारी रहा। शनिवार को यहां एक मुठभेड़ में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन सिमी के दो गुर्गे मारे गए थे। नलगोंडा जिले और पास के वारंगल जिले के विभिन्न स्थानों पर बड़े स्तर पर चलाए जा रहे इन अभियानों में पुलिस के छह दल और विशिष्ट नक्सल विरोधी बल ‘ग्रेहाउंड्स’ के जवान शामिल हैं।

सशस्त्र पुलिसकर्मियों को सड़कों पर वाहनों की जांच करते और विभिन्न स्थानों पर लोगों की तलाशी लेते देखा जा सकता है। विशेष रूप से अरवापल्ली के आसपास के क्षेत्रों में, जहां सूर्यापेट शहर में एक-दो अप्रैल की रात दो पुलिसकर्मियों को मारने के बाद दोनों हमलावरों के छुपने की संभावना है। हालांकि, जानकीपुरम में चार अप्रैल की सुबह पुलिस के साथ मुठभेड़ में ये हमलावर मारे गए थे। मुठभेड़ के दौरान एक पुलिसकर्मी शहीद हो गया था, जबकि दो अन्य पुलिस अधिकारी घायल हो गए थे।

पुलिस को संदेह है कि इस क्षेत्र में एक तीसरा संदिग्ध अब भी छुपा हुआ है। यह संदेह तब और मजबूत हो गया, जब स्टूडेंटस इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के दो गुर्गो में से एक के शव से दिल्ली-हैदराबाद आंध्र पर्देस एक्सप्रेस ट्रेन का टिकट बरामद हुआ था। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या यह तीसरा संदिग्ध सूर्यापेट में हुई मुठभेड़ के एक दिन बाद दोनों हमलावरों के साथ मिला था। यह भी स्पष्ट नहीं है कि मुठभेड़ में यह संदिग्ध मारा गया था या अभी वह फरार है। सूर्यापेट में इन दोनों संदिग्धों के पास एक लैपटॉप और अन्य सामान भी देखा गया था। शनिवार को मृतकों के शवों से सिर्फ दो मोबाइल फोन बरामद हुए थे। जांचकर्ता यह भी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या इन आतंकवादियों ने ये सामान तीसरे संदिग्ध को सौंप दिया है।

खुफिया ब्यूरो और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अधिकारी भी इस जांच में शामिल हो गए हैं। हालांकि तेलंगाना सरकार ने शुरुआत में इस बात से इंकार किया कि हमलावरों का आतंकवादियों के साथ कोई संबंध है। लेकिन पुलिस ने इस बात की पुष्टि की है वास्तव में वे सिमी के गुर्गे थे।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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