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प्रादेशिक

तोड़-फोड़ के जोड़ पर कार्यशाला में नवाचार पर चर्चा

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तोड़-फोड़ के जोड़ कार्यशाला, नवाचार पर चर्चा

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लखनऊ। आंचलिक विज्ञान नगरी लखनऊ एवं इन्नोवेशन सेन्टर, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद्, उ0प्र0 ने एक साथ मिलकर तोड़-फोड़ के जोड़ विषय पर कार्यशालाओं का आयोजन कर रहा है। नवाचार कार्यशाला के तीसरे कार्यक्रम के दूसरे  दिन की शुरूआत एक लोक प्रिय विज्ञान व्याख्यान के साथ हुई। यह कार्यशाला आई.टी.आई. के विद्यार्थियों के लिए है जिसमें आई.टी.आई. अलीगंज के विभिन्न व्यवसायों के कुल 80 विद्यार्थी भाग ले रहे हैं।

इस विज्ञान व्याख्यान को आंचलिक विज्ञान नगरी के परियोजना समायोजक उमेश कुमार ने प्रस्तुत किया। इस विज्ञान व्याख्यान में नवाचार क्या होता है, किसको कहते हैं, उसकी उपलब्धियाँ व प्रकार के बारे में रोशनी डाली गई।  साथ ही नवाचार का दैनिक जीवन, प्रौद्योगिकी/ शिक्षण संस्थाओं, समाज व औद्योगिक क्षेत्र में इसके महत्व पर भी रोशनी डाली गयी। इस इन के उपरान्त प्राकृतिक जल-शीतक, बुनाई के क्षेत्र मंर नवाचार, मच्छरों को नष्ट करने वाला सौर ऊर्जा पर आधारित उपकरण, बहुउद्देश्यीय पकाने वाला वर्तन, पानी में तैरती हुई साबुन, विना बिजली का फ्रिज, गैस से चलने वाली स्त्री (प्रेस), चालक रहित कार व दृष्टिविहीनों के लिए प्रिंटर जैसे नवाचारों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।

कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में डा0 डी0 के0 श्रीवास्तव ने बताया कि प्रत्येक संरचना/नवप्रर्वतन के पीछे एक जिज्ञासा होती है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद इस प्रकार के जिज्ञासु लोगों के प्रति निरन्तर कार्यशील है एवं यह भी अवगत  कराया कि इस तरह के कार्यक्रम आगे भी होते रहेंगें।

कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियो ने खिलौने, मैकेनिकल टूल्स, घरेलू उपकरणो आदि को पूरी तरह से खेलकर, उनकी कार्यप्रणालियो को समझा। इसके पश्चात प्रतिभागियों ने अपने नवविचारो को विशेषज्ञो के साथ सांझा किया एवं कार्यशाला के अन्त में उन्होने आंचलिक विज्ञान नगरी की कार्यशाला का भ्रमण किया वहां उन्हे कार्यशाला की बारीकियो से भी अवगत कराया गया। अन्त में प्रतिभागियो को कार्यशाला का प्रमाण-पत्र भी वितरित किया गया।

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18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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