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नेशनल

त्रिपुरा : टीवी पत्रकार की हत्या की जांच एसआईटी करेगी

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अगरतला, 26 सितम्बर (आईएएनएस)| त्रिपुरा सरकार ने स्थानीय टीवी पत्रकार शांतनु भौमिक की नृशंस हत्या की जांच के लिए मंगलवार को एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी की अगुवाई में एसआईटी गठित करने व शोक संतप्त परिवार को 10 लाख रुपये देने का फैसला किया।

भारतीय प्रेस परिषद पहले ही बीते हफ्ते हुई हत्या की पड़ताल के लिए एक दल त्रिपुरा भेज चुका है।

कैबिनेट की बैठक के बाद सूचना व वित्तमंत्री भानुलाल साहा ने संवाददाताओं से कहा, कैबिनेट ने हत्या पर चर्चा की और एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी की अगुवाई में जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का फैसला लिया।

इस कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री मणिक सरकार ने की। माणिक सरकार के पास गृह विभाग भी है।

साहा ने कहा, पत्रकार की मां एक सरकारी कर्मचारी हैं और उनकी छोटी बहन अभी पढ़ाई कर रही है। लिहाजा सरकार अपनी इच्छा के बावजूद शांतनु के परिवार को एक सरकारी नौकरी का प्रस्ताव देने में असमर्थ है।

पत्रकार संगठनों और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी व कांग्रेस के केंद्रीय जांच ब्यूरो या उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से जांच कराने की मांग पर मंत्री ने कहा कि एसआईटी जांच का फैसला मामले में जांच की प्रगति की समीक्षा के बाद लिया गया है।

पुलिस उपमहानिरीक्षक (दक्षिणी रेंज) अरिंदम नाथ ने आईएएनएस से कहा कि पत्रकार की हत्या के लिए मुख्य आरोपी सचिन देब बर्मा सहित अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस ने कहा कि सचिन नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा से समर्पण करने वाला एक आतंकवादी रहा है और वर्तमान में एक जनजातीय संगठन इंडीजीनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) का सदस्य है। सचिन पश्चिमी त्रिपुरा के मंडाई इलाके में हुए अपराध में शामिल था, जहां पत्रकार की हत्या हुई।

पुलिस ने हालांकि कहा है कि एक निजी वाहन का चालक जिबन देबनाथ 20 सितंबर के बाद से अभी भी लापता है और उसकी तलाश जारी है।

दिल्ली के एक समाचार पत्र का एक पत्रकार किराए पर एक निजी वाहन लेकर एक स्थानीय गाइड के साथ खुमुलंग गया था। आईपीएफटी के सदस्यों ने उन पर हमला किया और वाहन को जला दिया। पत्रकार और गाइड ने तो 21 सितंबर को अपने बारे में पुलिस को सूचित कर दिया, लेकिन वाहन चालक अभी तक लापता है।

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नेशनल

मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

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नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।

गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।

शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।

 

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