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त्रिपुरा में अस्थिरता के लिए पीएमओ का इस्तेमाल कर रही भाजपा : माकपा नेता

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नई दिल्ली, 26 जुलाई (आईएएनएस)| केंद्र के इंडिजीनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के नेताओं से बातचीत के वादे के बीच मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता जीतेंद्र चौधरी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर राज्य को अस्थिर करने के लिए ‘अनैतिक और गैर लोकतांत्रिक’ तरीके इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है।

आईपीएफटी ने त्रिपुरा के जनजातीय लोगों के लिए अलग राज्य की मांग करते हुए हाल ही में 10 दिनों तक आर्थिक नाकेबंदी की थी।

लोकसभा में माकपा के मुख्य सचेतक चौधरी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा आईपीएफटी और अन्य जनजातीय ताकतों को त्रिपुरा की राज्य सरकार के खिलाफ उकसाने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) का इस्तेमाल कर रही है, जहां उनकी पार्टी पिछले दो दशकों से सत्ता में है।

पूर्व राज्य मंत्री ने दावे के साथ कहा कि भगवा दल पूवरेत्तर राज्यों में अपनी मौजूदगी का विस्तार करने के लिए त्रिपुरा की वर्तमान स्थिति का लाभ उठाने का प्रयास कर रहा है और राज्य सरकार को अस्थिर करने के लिए आईपीएफटी जैसी स्थानीय पार्टियों के साथ गठजोड़ की कोशिश कर रहा है।

चौधरी ने आईएएनएस से एक साक्षात्कार में कहा, आज स्थिति ऐसी है कि जिन राज्यों में वे सत्ता में नहीं हैं, वहां के राजनीतिक मसलों में हस्तक्षेप के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय का इस्तेमाल किया जा रहा है। अगर यह राजनीतिक तरीके से किया जाता, तो हम उन्हें इसका जवाब दे देते, लेकिन वे पीएमओ का इस्तेमाल कैसे कर रहे हैं। क्या हमारे लोकतंत्र में ऐसा किया जा सकता है? यह बेहद गैर लोकतांत्रिक है।

त्रिपुरा में 2018 की शुरुआत में चुनाव होने हैं। राज्य सरकार को जनजातीय लोगों के लिए अलग राज्य की मांग के चलते लगातार परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

राज्य में पिछले गुरुवार तक 10 दिनों के लिए आईपीएफटी द्वारा आहूत अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकेबंदी लागू रही। राज्य सरकार ने हालांकि कई बार प्रदर्शनकारियों को अपना विरोध प्रदर्शन वापस लेने के लिए मनाने की कोशिश की, लेकिन केवल केंद्र के आश्वासन के बाद ही नाकेबंदी वापस ली गई।

चौधरी ने कहा, भारतीय संविधान की छठी अनुसूची की समीक्षा करने और त्रिपुरा के स्थानीय जनजातियों के पक्ष में संशोधन करने की जरूरत है।

चौधरी के मुताबिक, मेघालय में जैनतिया जनजाति के लिए जैनतिया हिल्स, गारो जनजाति के लिए गारो हिल्स और असम में बोडो की तर्ज पर त्रिपुरा की स्थानीय जनजातियों के लिए भी व्यवस्था की जा सकती है।

चौधरी ने कहा कि भाजपा अपने राजनीतिक लाभ के लिए इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रही है। उन्होंने दावा किया कि पीएमओ और आईपीएफटी के बीच कई बैठकें हुईं, जिनका कोई हल नहीं निकला।

चौधरी ने कहा, इस वर्ष मई में त्रिपुरा में नाकेबंदी लागू करने से काफी पहले आईपीएफटी और पीएमओ के बीच बैठकें हुईं, जिनमें पूवरेत्तर क्षेत्र विकास मंत्री जितेंद्र सिंह शामिल हुए।

ऐसी बैठकों पर सवाल उठाते हुए चौधरी ने कहा, अगर इसमें अमित शाह या उनके जैसे अन्य भाजपा नेता शामिल होते तो फिर भी इसके पक्ष में तर्क दिया जा सकता था। लेकिन ये बैठकें प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ हुईं।

त्रिपुरा की स्थानीय जनजातियों के लिए अलग राज्य त्विपरालैंड की मांग दशकों पुरानी है।

आईपीएफटी त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्तशासी जिला परिषद (टीटीएएडीसी) को उन्नत एक अलग राज्य बनाने के लिए 2009 से आंदोलन कर रहा है।

सत्तारूढ़ माकपा, कांग्रेस, भाजपा और इंडिजीनस नेशनलिस्ट पार्टी ऑफ त्रिपुरा ने यह कहते हुए आईपीएफटी की मांग ठुकरा दी है कि यह राज्य पहले से ही छोटा है और ऐसे में इसका बंटवारा व्यावहारिक नहीं है।

चौधरी ने त्रिपुरा के जनजातीय लोगों के विकास से वंचित रहने के पीछे मुख्य रूप से त्रिपुरा की पूर्व कांग्रेस सरकार की जनजातीयों से संबंधित भेदभावपूर्ण नीति को जिम्मेदार बताया, और कहा, 1949 में भारत के साथ त्रिपुरा के विलय के बाद से ही, राज्य में प्रारंभिक वर्षो में कांग्रेस सरकार रही। इस अवधि में त्रिपुरा और जनजातीय लोगों को काफी भुगतना पड़ा।

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नेशनल

पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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