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प्रादेशिक

त्रिपुरा में एनएलएफटी के 3 उग्रवादियों ने किया सरेंडर

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अगरतला। नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (एनएलएफटी) के शीर्ष उग्रवादी सहित दो अन्य उग्रवादियों ने त्रिपुरा में आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। त्रिपुरा पुलिस के प्रवक्ता उत्तम कुमार भौमिक ने बताया कि एनएलएफटी के सशस्त्र बल शाखा के उप प्रमुख अथराबाबू हलाम और दो अन्य उग्रवादियों ने पुलिस महानिदेशक के. नागराज के सामने शनिवार को हथियार डाल दिए।

भौमिक ने बताया कि 42 वर्षीय हलाम ने पत्नी और चार बेटियों के साथ आत्मसमर्पण किया। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एनएलएफटी और बांग्लादेश में उनके ठिकाने के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए इन उग्रवादियों से पूछताछ करेंगे। पुलिस अधिकारी ने बताया कि ये उग्रवादी आत्मसमर्पण करने के लिए बांग्लादेश के चटगांव पहाड़ी इलाके में अपने ठिकाने से भागकर त्रिपुरा आए थे। अधिकारी ने बताया कि दो अन्य उग्रवादियों में एनएलएफटी का सर्जेट मेजर उत्तम कुमार जमातिया और कार्पोरल कृष्ण मोहन देबबर्मा शामिल है।

भौमिक ने कहा, “हलाम इससे पहले उग्रवादी गुट से राजनीतिक पार्टी बनी त्रिपुरा नेशनल वॉलेंटियर्स (टीएनवी) का सदस्य था और 1988 में सरकार के समक्ष गुट के दूसरे सदस्यों के साथ आत्मसमर्पण कर चुका था।” उन्होंने बताया, “केंद्र, त्रिपुरा सरकार और टीएनवी के बीच हुए त्रिपक्षीय समझौते के प्रावधानों के तहत उसे शिक्षा विभाग में सरकारी नौकरी दी गई थी, लेकिन 1993 में नौकरी छोड़कर वह एनएलएफटी में शामिल हो गया।”

त्रिपुरा पुलिस ने हलाम के बारे में जानकारी देने वाले व्यक्ति को पांच लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की थी। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, हलाम के आत्मसमर्पण में पुलिस अधीक्षक (विशेष शाखा) अरिंदम नाथ एवं सीमा सुरक्षा बल महानिरीक्षक बी. एन. शर्मा की महत्वपूर्ण भूमिका रही। त्रिपुरा के दो प्रतिबंधित उग्रवादी गुट-एनएलएफटी और ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स त्रिपुरा को भारत से अलग कराने के लिए संघर्षरत हैं। दोनों गुटों ने पड़ोसी देशों बांग्लादेश और म्यांमार में ठिकाना बनाया हुआ है, जहां से वे गुट और गतिविधियों का संचालन करते हैं।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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