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बिजनेस

थोक महंगाई दर में गिरावट, शून्य से 2.4 फीसदी नीचे आई

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नई दिल्ली। देश की थोक महंगाई दर जून महीने में भी नकारात्मक रही। दालों और प्याज के महंगे रहने के बावजूद मई की तुलना में जून 2015 में थोक महंगाई दर घटी है। जून में यह नकारात्मक 2.4 प्रतिशत दर्ज की गई, जबकि मई में यह नकारात्मक 2.36 प्रतिशत थी। यह जानकारी मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़ों से मिली। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, आधिकारिक थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित यह वार्षिक महंगाई दर पिछले साल की समान अवधि में 5.66 प्रतिशत रही थी।

केंद्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (सीएसओ) द्वारा सोमवार को जारी आंकड़े देश में थोक और खुदरा कीमतों में विरोधाभास को प्रदर्शित करते हैं, और इससे पता चला है कि खाद्य और ईंधन कीमतों में वृद्धि से देश का उपभोक्ता मूल्य सूचकांक जून में 5.40 प्रतिशत रहा है, जो मई में 5.01 प्रतिशत रहा था। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आंकड़ों से पता चला है कि महंगाई की मार ग्रामीण क्षेत्रों पर अधिक पड़ी है। ग्रामीण क्षेत्रों में थोक महंगाई दर 6.07 प्रतिशत रही है, जबकि शहरी इलाकों में यह 4.55 प्रतिशत दर्ज की गई।

इन आंकड़ों से पता चलता है कि मई में तीन प्रमुख उप-सूचकांकों में मामूली वृद्धि के बावजूद जून में थोक महंगाई दर बढ़ी है। प्राथमिक वस्तुओं में यह 1.4 प्रतिशत, ईंधन में 0.6 प्रतिशत और विनिर्मित उत्पादों में 0.1 प्रतिशत रही है। जून महीने में दालों में महंगाई दर 33.67 प्रतिशत रही है। इसके बाद प्याज में यह बढ़कर 18.54 प्रतिशत, फलों में 7.47 प्रतिशत और दूध में 5.18 प्रतिशत रही है। इस समीक्षाधीन अवधि में ईंधन के उप सूचकांकों में भी कीमतें घटी हैं। पेट्रोल में महंगाई दर नकारात्मक 9.7 प्रतिशत, डीजल में नकारात्मक 11.86 प्रतिशत और रसोई गैस में नकारात्मक 4.73 प्रतिशत दर्ज की गई।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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