अन्तर्राष्ट्रीय
दक्षिणपूर्व एशिया में धूमधाम से मनाया गया रमजान का समापन
जकार्ता, 25 जून (आईएएनएस)| दक्षिणपूर्व एशिया में लाखों मुसलमानों ने रविवार को रमजान के समापन का जश्न मनाया। इस्लाम धर्म में रमजान पवित्र महीना माना जाता है, जिसमें इस धर्म के अनुयायी रोजाना व्रत रखते हैं। समाचार एजेंसी एफे न्यूज के अनुसार, इंडोनेशिया, मलेशिया और ब्रूनेई में प्रमुख नेता इस पवित्र पर्व को मनाने के लिए अपने-अपने देशों में सुबह के समय आयोजित समारोहों में शामिल हुए।
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने अपनी पत्नी इरियाना के साथ इस्तिकलाल मस्जिद में ईद-उल-फितर प्रार्थना में हिस्सा लिया। दक्षिणपूर्व एशिया की यह सबसे बड़ी मस्जिद है।
इसके बाद विडोडो राष्ट्रपति निवास पहुंचे, जहां लोगों से मिलने के सुबह 9 बजे से 11 बजे तक के लिए राष्ट्रपति निवास के द्वार खोले गए थे। ईद के मौके पर राष्ट्रपति का अपने आवास पर लोगों से मिलने का प्रचलन है।
इंडोनेशिया की 26 करोड़ में से 87 प्रतिशत जनसंख्या इस्लाम धर्म को मानती है। इस धर्म को मानने वाली यह विश्व की सबसे बड़ी आबादी है।
मलेशिया में सुल्तान मुहम्मद पंचम ने संघीय क्षेत्र मस्जिद में 17,000 लोगों की भीड़ से मुखातिब होने के बाद प्रार्थना की। मलेशिया में 3 करोड़ निवासियों में 60 प्रतिशत मुस्लिम धर्म को मानने वाले हैं।
प्रधानमंत्री नजीब रजाक और अन्य राजनैतिक और धर्म प्रमुखों को एक मस्जिद में देखा गया। यह मस्जिद वर्ष 2000 में बनी थी।
ब्रूनेई में वहां के प्रधानमंत्री के आधिकारिक निवास और अन्य प्रतीकात्मक इमारतों को लोगों के लिए कुछ घंटों के लिए खोला गया।
बहुसंख्यक कैथोलिक आबादी वाले फिलीपींस, जहां 10 करोड़ में से 11 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है, सेना ने मरावी शहर में आठ घंटे का संघर्ष विराम घोषित किया। फिलहाल, इस शहर पर इस्लामिक स्टेट (आईएस) से जुड़े आतंकियों का कब्जा है।
रमजान इस्लामिक लुनर कैलेंडर का नौवां महीना है। पूरे महीने लोग रोजा (व्रत) रखते हैं और अनुशासन में रहने का प्रयास करते हैं। इस्लाम धर्म में विश्वास रखने वाले लोगों के लिए इस दौरान रोज के नियम के मुताबिक सभी क्रिया-कलाप करना पड़ता है। इस दौरान सूर्यास्त तक धूम्रपान और यौन संबंध बनाना वर्जित है।
IANS News
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।
इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।
इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।
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