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दलाई लामा ने बोधगया में 34वें कालचक्र पूजा का शुभारंभ किया

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दलाई लामा ने बोधगया में 34वें कालचक्र पूजा का शुभारंभ किया

गया | प्रसिद्घ बौद्ध तीर्थस्थल बोधगया में सोमवार को 34वें कालचक्र पूजा की शुरुआत हुई। इस धार्मिक अनुष्ठान का शुभारंभ तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा दलाई लामा ने किया। इस अनुष्ठान में भाग लेने के लिए देश-विदेश से लाखों बौद्घ श्रद्घालु बोधगया आए हुए हैं। बिहार में बोधगया के कालचक्र मैदान में सोमवार सुबह भूमि पूजन किया गया। इसके बाद मंडाला (पूजा स्थल) का निर्माण प्रारंभ हुआ। पूजा संचालनकर्ता धर्मगुरु के लिए विशेष आसन बनाया गया है।

पूजा के पहले तीन दिन यानी चार जनवरी तक यहां स्थल संस्कार, प्रार्थना जप और रेत मंडला सहित अन्य अनुष्ठान किए जाएंगे, जबकि पांच से आठ जनवरी तक बौद्घ धर्मगुरु दलाई लामा बौद्घ भिक्षुओं को शिक्षा देंगे। नौ जनवरी को कालचक्र पूजा नृत्य प्रस्तुत किया जाएगा। इसके अलावा 10 से 13 जनवरी तक दलाई लामा श्रद्घालुओं को दीक्षा देंगे। कालचक्र पूजा के अंतिम दिन 14 जनवरी को धर्मगुरु लंबे जीवन की प्रार्थना करेंगे तथा श्रद्घालु मंडाला का दर्शन करेंगे।

कालचक्र पूजा को लेकर बोधगया के कालचक्र मैदान में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। पूजा पंडाल में प्रवेश के लिए कालचक्र मैदान पर 14 अलग-अलग प्रवेश द्वार बनाए गए हैं। पंडाल के गेट और परिसर में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किए गए हैं और प्रवेश द्वारों पर ‘मेटल डिटेक्टर’ लगाए गए हैं।

कालचक्र पूजा में आत्मा को बुद्घत्व प्राप्ति के लायक शुद्घ और सशक्त बनाने हेतु आध्यात्मिक अभ्यास कराया जाता है। 14 जनवरी को पूजा का समापन होगा।

इस पूजा में जापान, भूटान, तिब्बत, नेपाल, म्यांमार, स्पेन, रूस, लाओस, श्रीलंका के अलावा कई देशों के बौद्घ श्रद्घालु और पर्यटक भाग ले रहे हैं।

कालचक्र पूजा को बौद्घ श्रद्घालुओं का महाकुंभ कहा जाता है। यह उनकी सबसे बड़ी पूजा है। इस प्रार्थना की अगुवाई तिब्बतियों के आध्यात्मिक धर्मगुरु दलाई लामा ही करते हैं।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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