मुख्य समाचार
दागदार अधिकारियों के लिये बन रही है नई कानपुर रेंज
पंचम तल पर अनुमोदन के लिये भेजी गई नई रेंज की फाइल
मेरठ की दूसरी रेंज के लिये ढूंढ़े नहीं मिल रहा अधिकारी
राकेश यादव
लखनऊ। दागदार और ऊंची पहुंच के अधिकारियों को समायोजित करने के लिये शासन कारागार विभाग की एक नयी रेंज तैयार करने की जुगत में है। इस नये परिक्षेत्र की लगभग सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी है। यह प्रदेश के कारागार विभाग की आठवीं रेंज होगी। कानपुर में स्थापित की जा रही इस नयी रेंज में कानपुर मण्डल के अलावा झांसी मण्डल की समस्त जेलों को शामिल किया जायेगा। यह अलग बात है कि कारागार विभाग में अधिकारियों की संख्या कम होने से कई रेंज खाली पड़ी हुयी है। नई रेंज स्थापित करने के लिये फाइल को मुख्यमंत्री के पास अनुमोदन के लिये भेज दिया गया है। पंचम तल से अनुमोदन मिलते ही कारागार विभाग के इस नई रेंज की घोषणा कर दी जायेगी।
उत्तर प्रदेश में वर्तमान समय में 72 जेल है। इसमें 58 जिला कारागार और छह केन्द्रीय कारागार है। जिला जेल में विचाराधीन बंदियों और केन्द्रीय कारागार में सजायाफ्ता कैदियों को रखा जाता है। जेलों मे प्रशासनिक जिम्मेदारी वरिष्ठ अधीक्षक एवं अधीक्षक के जिम्मे होती है। इन अफसरों पर निगरानी रखने की जिम्मेदारी परिक्षेत्र के डीआईजी जेल की होती है। जेलों की प्रशासनिक व्यवस्था को चाक-चैबंद रखने के लिये वर्तमान समय में प्रदेश में कारागार विभाग में सात रेंज स्थापित की गयी है। लखनऊ परिक्षेत्र को हाल ही में शासन ने दो भागों में बांट दिया। एक परिक्षेत्र में राजधानी की जिला जेल समेत चार अन्य जेलों को शामिल किया गया है।
वही आदर्श कारागार समेत करीब आधा दर्जन जेलों को दूसरी रेंज मे रखा गया है। एक रेंज का प्रभार विभाग के डीआईजी शरद कुलश्रेष्ठ के पास है तो दूसरी रेंज का प्रभार पुलिस विभाग के डीआईजी राजेश्वडर सिंह के पास है। इसी प्रकार गोरखपुर परिक्षेत्र का प्रभार विभाग के डीआईजी आर.पी. सिंह एवं इलाहाबाद परिक्षेत्र का प्रभार विभागीय डीआईजी संतोष श्रीवास्तव के पास है। बरेली परिक्षेत्र का जिम्मेदारी शशि श्रीवास्तव के हाथों में है। इसी क्रम में आगरा परिक्षेत्र का जिम्मा डीआईजी केदारनाथ के पास है।
दो परिक्षेत्रों में विभाजित की गयी मेरठ रेंज के एक परिक्षेत्र मे कोई भी अधिकारी तैनात नही है वही दूसरी रेंज मे पुलिस विभाग के डीआईजी रघुवीर लाल के हाथों में है। सूत्रो का कहना है कि मेरठ परिक्षेत्र की एक रेंज अधिकारी विहीन होने के बावजूद शासन एक नई रेंज बनाने की जुगत मे लगा हुआ है। जानकारों का कहना है कि पिछले दिनों विवादों से घिरे एक अधिकारी को वरिष्ठ अधीक्षक से डीआईजी के पद पर प्रोन्नत किया गया। ऊंची पहुंच और जुगाड़ के बल पर हत्या के आरोप में जेल की सलाखों मे रह चुके इस अधिकारी को महत्वपूर्ण स्थान पर तैनाती देने के लिये नई रेंज का स्थापना की जा रही है। वर्तमान समय मे यह अधिकारी कारागार मख्यालय मे तैनात है।
विभागीय अधिकारियों मे चर्चा है कि यह अधिकारी पूर्व में मेरठ पऱिक्षेत्र में तैनाती को लेकर प्रयासरत थे, किन्तु इसी परिक्षेत्र में विवादित होने के कारण उन्हे वहां तैनाती नही दी जा सकी थी अब इनको तैनाती देने के लिये नई रेंज स्थापित करने मे जुटा है। उधर इस बाबत जब महानिरीक्षक कारागार देवेन्द्र सिंह चौहान से बात की गयी तो पहले तो उन्होने इसे शासन का मामला बताते हुये कुछ भी कहने से मना कर दिया लेकिन नई रेंज बनाये जाने की पुष्टि यह कहते हुये की कि एक एक रेंज मे जेलों की संख्या अधिक होने से नई रेंज बनाये जाने की आवश्य कता जरूर है।
मुख्य समाचार
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत
पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.
शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव
अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।
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