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दिल्ली की हवा हुई खराब, सांस लेने का मतलब 50 सिगरेट रोज पीना

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नई दिल्ली, 9 नवंबर (आईएएनएस)| दिल्ली में हवा की गुणवत्ता का सूचकांक 451 तक जा पहुंचा है, जबकि इसका अधिकतम स्तर 500 है। इस हवा में सांस लेने का मतलब है करीब 50 सिगरेट रोज पीने जितना धुआं आपके शरीर में चला जाता है। बीमार लोगों के अलावा स्वस्थ व्यक्तियों के लिए भी यह हवा हानिकारक है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अनुसार, यह स्वास्थ्य की आपात स्थिति है, क्योंकि शहर व्यावहारिक रूप से गैस चैंबर में बदल गया है।

आईएमए के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने कहा, धुंध एक जटिल मिश्रण है और इसमें विभिन्न प्रदूषक तत्व जैसे नाइट्रोजन ऑक्साइड और धूल कण मिले होते हैं। यह मिश्रण जब सूर्य के प्रकाश से मिलता है तो एक तरह से ओजोन जैसी परत बन जाती है। यह बच्चों और बड़ों के लिए एक खतरनाक स्थिति है। फेफड़े के विकारों और श्वास संबंधी समस्याओं वाले लोग इस स्थिति में सबसे अधिक प्रभावित होते हैं।

डॉ. अग्रवाल ने कहा, वायु प्रदूषण हर साल दिल्ली में 3,000 मौतों के लिए जिम्मेदार है, यानी हर दिन आठ मौतें। दिल्ली के हर तीन बच्चों में से एक को फेफड़ों में रक्तस्राव की समस्या हो सकती है। अगले कुछ दिनों तक घर के अंदर रहने और व्यायाम या टहलने के लिए बाहर न निकलने की सलाह दी गई है।

आईएमए ने दिल्ली-एनसीआर के सभी स्कूलों के लिए सलाह या एडवाइजरी जारी करने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री से पहले ही अपील की है, ताकि रेडियो, प्रिंट और सोशल मीडिया जैसे विभिन्न मीडिया माध्यमों से इसे प्रसारित किया जा सके। 19 नवंबर को एयरटेल दिल्ली हाफ मैराथन को रद्द करने के लिए भी अनुरोध किया है।

डॉ. अग्रवाल ने बताया, जब भी आद्र्रता का स्तर उच्च होता है, वायु का प्रवाह कम होता है और तापमान कम होता है, जब कोहरा बन जाता है। इससे बाहर देखने में दिक्कत आती है और सड़कों पर दुर्घटनाएं होने लगती हैं। रेलवे और एयरलाइन की सेवाओं में भी देरी होने लगती है। जब वातावरण में प्रदूषण का स्तर उच्च होता है तो प्रदूषक कण कोहरे में मिल जाते हैं, जिससे बाहर अंधेरा छा जाता है। इसे ही स्मॉग कहा जाता है।

उन्होंने कहा, धुंध फेफड़े और हृदय दोनों के लिए बहुत खतरनाक होती है। सल्फर डाइऑक्साइड की अधिकता से क्रोनिक ब्रॉन्काइटिस हो जाती है। उच्च नाइट्रोजन डाइऑक्साइड स्तर से अस्थमा की समस्या बढ़ जाती है। पीएम10 वायु प्रदूषकों में मौजूद 2.5 से 10 माइक्रोन साइज के कणों से फेफड़े को नुकसान पहुंचता है। 2.5 माइक्रोन आकार से कम वाले वायु प्रदूषक फेफड़ों में प्रवेश करके अंदर की परत को नुकसान पहुंचा सकते हैं। रक्त में पहुंचने पर ये हृदय धमनियों में सूजन कर सकते हैं।

प्रदूषण स्तर बढ़ने पर सावधानियां :

* अस्थमा और क्रोनिक ब्रॉन्काइटिस वाले मरीजों को अपनी दवा की खुराक बढ़ानी चाहिए।

* स्मॉग की परिस्थितियों में अधिक परिश्रम वाले कामों से बचें।

* धुंध के दौरान धीमे ड्राइव करें।

* धुंध के समय हृदय रोगियों को सुबह में टहलना टाल देना चाहिए।

* फ्लू और निमोनिया के टीके पहले ही लगवा लें।

* सुबह के समय दरवाजे और खिड़कियां बंद रखें।

* बाहर निकलना जरूरी हो तो मास्क पहन लें।

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नेशनल

पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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