नेशनल
दिल्ली : पिटाई से हत्या की महीने भर बाद भी एफआईआर नहीं
नई दिल्ली, 14 जुलाई (आईएएनएस)| करीब एक महीने पहले यहां संजय गिरि (20) की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। लेकिन महीने भर बाद भी पुलिस ने न तो उसकी मौत की प्राथमिकी दर्ज की है और न ही किसी को गिरफ्तार किया है।
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त आर. सत्यसुंदरम ने आईएएनएस से कहा कि गिरि की मौत को लेकर कोई प्राथमिकी नहीं दर्ज की गई है।
अधिकारियों ने कहा कि हत्या के मामले में पुलिस को तुरंत एफआईआर दर्ज करनी चाहिए, हालांकि इसमें अपवाद भी हो सकता है यदि स्थितियां मानव के नियंत्रण से बाहर हों, जैसे अपराध के बाद प्राकृतिक आपदा आ जाए।
गिरि के मामले से कार्रवाई से जुड़े दो अधिकारियों ने पुष्टि की कि कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। एक अधिकारी ने कहा, हम पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। हम मौत के कारण को देखेंगे और फिर एफआईआर दर्ज करेंगे।
गिरि का पोस्टमार्टम एक महीना पहले किया गया था।
गिरि को 8 जून को पूर्वी दिल्ली के एक पार्क में (संजय झील के पास) भीड़ ने चार साल की एक लड़की से छेड़छाड़ को लेकर पिटाई की थी। उसकी 10 जून को मौत हो गई।
कानून के जानकार व वकीलों के एक समूह ने केंद्र सरकार के अधीनस्थ दिल्ली पुलिस की धीमी गति को लेकर हैरानी जताई है।
उन्होंने कहा, परिस्थितिजन्य साक्ष्य व प्रत्यक्षदर्शी कहां हैं? पुलिस एक महीने से एक एफआईआर दर्ज नहीं कर सकी और वे पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने का इंतजार कर रहे हैं।
घनी आबादी वाले पूर्वी दिल्ली के शशि गार्डन में गिरि के घर के पास से 2 मिनट की पैदल दूरी वाले रास्ते पर उस लड़की का घर है, जिससे कथित तौर पर छेड़खानी का आरोप है।
लेकिन लड़की की मां का कहना है कि उसकी बच्ची से छेड़छाड़ नहीं की गई थी। महिला ने कहा, यह मीडिया है जो कहानियां गढ़ रही है। दरवाजा बंद करते हुए लड़की की मां ने मीडिया से बात करने से इनकार कर दिया।
पुलिस ने पहले आईएएनएस से कहा था कि लड़की से छेड़छाड़ को लेकर एफआईआर दर्ज की गई थी और उसमें गिरि का मामला भी है।
एफआईआर की तारीख के बारे में पूछे जाने पर अतिरिक्त डीसीपी ने कहा कि यह गिरि की मौत से एक दिन पहले 9 जून को दर्ज की गई और उनके पास उसकी मौत का विवरण नहीं था।
गिरि के पिता त्रिभुवन (50) निर्माणाधीन दो कमरों वाले घर में रोते हुए बताते हैं, पहले मुझसे कहा गया कि एफआईआर दर्ज की गई है। लेकिन बाद में मुझसे कहा गया कि नहीं दर्ज है। पुलिस ने कहा कि हमारा मामला सिर्फ पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने के बाद दर्ज होगा।
त्रिभुवन ने कहा कि वह बीते हफ्ते पुलिस थाने गए थे। पुलिस ने उन्हें ‘परेशान’ न करने की हिदायत दी और कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आएगी तो बता दिया जाएगा। त्रिभुवन ने कहा, इसके बाद मैं वहां नहीं गया।
गिरि के पड़ोसियों ने कहा कि वह मानसिक रूप से मंद था और उसने पढ़ाई छोड़ दी थी। गिरि के परिवार ने कहा कि वह अपनी उम्र के दूसरे बच्चों की तरह सामान्य नहीं था।
गिरि के पिता ने कहा, उसे चीजें सीखने व पैसे गिनने में दिक्कत होती थी, लेकिन वह मेहनती मजदूर था।
गिरि के पड़ोसी लाडू ने उसका बचाव किया।
अपनी लड़कियों का जिक्र करते हुए लाडू ने कहा, यदि उसे कुछ करना होता तो वह मेरी बेटियों के साथ बहुत पहले कर चुका होता।
करीब दर्जन भर दूसरे पड़ोसियों ने संजय गिरि के अच्छे व्यवहार को याद किया, जिससे उन्हें कभी कोई दिक्कत नहीं हुई।
त्रिभुवन ने अपने बेटे संजय की मौत के लिए पार्क में मौजूद मादक पदार्थो के नशेड़ियों को जिम्मेदार ठहराया है।
संजय 8 जून को करीब रात 9.30 बजे कमर में तौलिया लपेटकर व टीशर्ट पहनकर बिना अंडरवियर के ही सार्वजनिक नल से पानी लेने की बात कहकर गया और उसने अपने माता-पिता से जल्द आने की बात कही थी। इसके एक घंटे बाद वह पार्क में भीड़ द्वारा पीटा गया।
त्रिभुवन ने कहा, जब मैंने उसे अस्पताल में देखा, तो वह न तो टीशर्ट पहने था और न ही अंडरवियर। उसकी कमर में सिर्फ तौलिया था।
संजय के पिता चाय बेचते हैं। उन्होंने कहा, हम अपने बेटे के लिए इंसाफ चाहते हैं, लेकिन हमारे पास पुलिस या किसी को देने के लिए पैसे नहीं हैं।
उत्तर प्रदेश
वाराणसी में साईं बाबा की प्रतिमा को लेकर विवाद, सभी मंदिरों से हटाई जाएंगी मूर्तियां
वाराणसी। वाराणसी में इस समय साईं बाबा की प्रतिमा को लेकर विवाद छिड़ गया है। ब्राह्मण सभा नाम का संगठन मंदिरों से साईं बाबा की प्रतिमा हटाए जाने के लिए मंदिरों से अपील का रहा है। जानकारी के अनुसार अब तक 14 मंदिरों से सांई बाबा की मूर्ती हटा ली गई है।
बता दें कि, ब्राह्मण सभा नाम के संगठन का कहना है कि, साईं बाबा की प्रतिमा की पूजा प्रेत पूजा है। इसलिए इसे मंदिर से हटाया जाना चाहिए। वहीं कुछ लोग ब्राह्मण सभा का विरोध भी कर रहे हैं।
दल के सदस्य अजय शर्मा के अनुसार काशी में सिर्फ काशीपुराधि बाबा विश्वनाथ ही पूजनीय हैं। शहर के कई शिव और गणेश जी के मंदिरों में अज्ञानतावश लोगों ने साईंबाबा की प्रतिमा स्थापित कर दी। इससे शिवभक्तों में नाराजगी है। दल ने नगर के ऐसे मंदिरों के महंतों से अपील किया है कि साईं की मूर्ति को ससम्मान मंदिर परिसर से हटवा दें। जल्द ही अगस्त्यकुंडा और भूतेश्वर मंदिर से साईं प्रतिमा हटेगी।
स्मृतिशेष द्वारका एवं शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने अपने जीवन काल में महादेव और हिन्दू धर्म के मंदिरों में साईं की मूर्ति स्थापित करने पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था कि हिन्दू मंदिरों में साईं की मूर्ति स्थापित करना देवी-देवताओं का अपमान करने जैसा है। साईं फकीर और अमंगलकारी थे और उनकी पूजा से आपदाएं आती हैं। साईं बाबा हिंदू नहीं थे और उनकी पूजा को बढ़ावा देना हिन्दू धर्म को बांटने की साजिश है। श्री अन्नपूर्णा मंदिर के महंत शंकर पुरी ने भी कहा कि शास्त्रों में कहीं भी साईं की पूजा का वर्णन नहीं है, इसलिए अब मंदिर में स्थापित मूर्ति हटाई जा रही है।
-
लाइफ स्टाइल18 hours ago
इन आयुर्वेदिक उपायों से बिना एक्सरसाइज भी कम कर सकते हैं वजन
-
अन्तर्राष्ट्रीय2 days ago
तनावमुक्त रहना चाहते हैं तो सोशल मीडिया से एक हफ्ते के लिए बना लें दूरी, शोध में हुआ खुलासा
-
नेशनल2 days ago
नहीं मरूंगा वाली टिप्पणी पर मल्लिकार्जुन खड़गे को अमित शाह का जवाब, कही ये बात
-
नेशनल2 days ago
नितेश राणे ने मुस्लिमों से पूछा, जब हिंदू समाज खुशी मनाता है तो आपके दर्द क्यों होता है
-
नेशनल3 days ago
मन की बात में बोले पीएम मोदी- त्योहारों पर कुछ भी खरीदें, वो मेड इन इंडिया ही होना चाहिए
-
खेल-कूद3 days ago
IND VS BAN: मैदान गीला होने के कारण तीसरे दिन का भी खेल रद्द
-
नेशनल2 days ago
महाराष्ट्र सरकार ने गाय को घोषित किया राज्यमाता, जारी किया आदेश
-
नेशनल2 days ago
हरियाणा में आम आदमी पार्टी के सहयोग के बिना नहीं बनेगी किसी की सरकार : अरविंद केजरीवाल