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बिजनेस

देश के 1000 शीर्ष ब्रांडों में सैमसंग टॉप पर

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नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)| देश सबसे आकर्षक 1000 ब्रांड की रिपोर्ट में सैमसंग ने पहला स्थान हासिल किया है। वहीं एलजी और सोनी ने इस साल दूसरी और तीसरी रैंक हासिल की है। टाटा पिछले साल के रैंक को बरकरार रखते हुए चौथे स्थान पर काबिज है वहीं होंडा पांचवें स्थान पर है।

टीआरए रिसर्च की इंडियाड मोस्ट अट्रेक्टिव ब्रांड्स रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली एनसीआर से 215 ब्रांडस टॉप 1000 में आने में सफल रहे जबकि देश की वित्तीय राजधानी मुंबई 239 ब्रांडस के साथ सबसे आगे रहा।

यह एक दिलचस्प तथ्य है कि टॉप 20 ब्रांडस में से 9 एनसीआर से हैं। एनसीआर से वर्ग में प्रमुख स्थान पाने वाले ब्रांडस में से आयुर्वेद वर्ग में डाबर कुल रैकिंग में 48वां रैंक हासिल करने में सफल रहा। वहीं एनडीटीवी 111वें रैंक पर, पेटीएम 135वें रैंक पर रहते हुए डिजिटल वॉलेट वर्ग में सबसे आगे रहा। वहीं भारतीय एथिनिक वीमेंस फैशन ब्रांड बीबा 209वें रैंक पर और मैनकाइंड फार्मा 272वें रैंक पर रहा।

रिपोर्ट के मुताबिक छठा सबसे आकर्षक ब्रांड एप्पल है। इसके बाद मारुति सुजुकी, हेवलेट पैकार्ड, डेल और एमएबी शीर्ष 10 में रहे।

टीआरए रिसर्च के सीईओ एन.चंद्रमौली कहा, ब्रांडस भी लोगों की तरह ही होते हैं और किसी शहर विशेष से आने वाले ब्रांडस उस शहर के बारे में भी कुछ न कुछ बयां करते हैं। एनसीआर क्षेत्र से कुल 33 ब्रांडस ने भारत के 100 सबसे आकर्षक ब्रांडस की सूची में अपना नाम दर्ज करवाया है और सैमसंग नेशनल स्तर पर इस सूची में सबसे प्रमुख स्थान पर रहा है। वहीं टॉप 1000 में मुंबई स्थित 249 ब्रांडस शामिल हैं और मुंबई स्थित 29 ब्रांडस टॉप 100 में आए हैं। हालांकि दिल्ली से सूची में शामिल कुल ब्रांडस की संख्या कम है लेकिन टॉप 100 में एनसीआर का योगदान सर्वाधिक रहा है।

इंडियाज मोस्ट अट्रेक्टिव ब्रांड्स 2017 रिपोर्ट, इस सीरीज में चौथी रिपोर्ट है, जो कि 36 आकर्षण बिंदुओं की प्रॉपराइटरी आधारित प्राइमरी रिसर्च का परिणाम है। इनकी पहचान और अध्ययन टीआरए रिसर्च द्वारा की गई है। इस साल रिसर्च को 2,456 ग्राहकों पर किया गया जो कि 16 शहरों में फैले हैं।

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बिजनेस

जेट एयरवेज की संपत्तियों की होगी बिक्री

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश को रद्द करते हुए दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के अनुसार निष्क्रिय जेट एयरवेज के परिसमापन का आदेश दिया। एनसीएलएटी ने पहले कॉरपोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के हिस्से के रूप में जालान कालरॉक कंसोर्टियम (जेकेसी) को एयरलाइन के स्वामित्व के हस्तांतरण को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि जेकेसी संकल्प का पालन करने में विफल रहा क्योंकि वह 150 करोड़ रुपये देने में विफल रहा, जो श्रमिकों के बकाया और अन्य आवश्यक लागतों के बीच हवाई अड्डे के बकाया को चुकाने के लिए 350 करोड़ रुपये की पहली राशि थी। नवीनतम निर्णय एयरलाइन के खुद को पुनर्जीवित करने के संघर्ष के अंत का प्रतीक है।

NCLT को लगाई फटकार

पीठ की ओर से फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति पारदीवाला ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ एसबीआई तथा अन्य ऋणदाताओं की याचिका को स्वीकार कर लिया। याचिका में जेकेसी के पक्ष में जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखने के फैसले का विरोध किया गया है। न्यायालय ने कहा कि विमानन कंपनी का परिसमापन लेनदारों, श्रमिकों और अन्य हितधारकों के हित में है। परिसमापन की प्रक्रिया में कंपनी की संपत्तियों को बेचकर प्राप्त धन से ऋणों का भुगतान किया जाता है। पीठ ने एनसीएलएटी को, उसके फैसले के लिए फटकार भी लगाई।

शीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल किया, जो उसे अपने समक्ष लंबित किसी भी मामले या मामले में पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने के लिए आदेश तथा डिक्री जारी करने का अधिकार देता है। एनसीएलएटी ने बंद हो चुकी विमानन कंपनी की समाधान योजना को 12 मार्च को बरकरार रखा था और इसके स्वामित्व को जेकेसी को हस्तांतरित करने की मंजूरी दी थी। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और जेसी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ अदालत का रुख किया था।

 

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