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बिजनेस

नकदी के समाधान के लिए 200 रुपये के नोट जारी हों : उद्योग मंडल

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note banमुंबई। अखिल भारतीय उद्योग संघ (एआईएआई) ने नोटबंदी के बाद उपजी नकदी की समस्या के समाधान के लिए गुरुवार को सरकार से 200 रुपये के नए नोट लाने का अनुरोध किया। एआईएआई के अध्यक्ष विजय कलांत्री ने नोटबंदी के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि नोटबंदी के बाद लोगों को अभी परेशानी हो रही है, लेकिन इसका असर लंबे समय में सामने आएगा।

उन्होंने कहा, बैंकों को छोटे नोटों की आपूर्ति पर्याप्त मात्रा में नहीं हो पा रही है और आम आदमी को 2,000 रुपये के नए नोटों से दैनिक जरूरतें पूरी करने में परेशानी उठानी पड़ रही है।

2000 रुपये के ये नए नोट पुराने नोटों की तुलना में आकार में छोटे हैं और एटीएम मशीनों को उनके अनुरूप बदला भी नहीं जा सका है, परिणामस्वरूप एटीएम से कम मात्रा में राशि निकासी हो पा रही है, जिससे परेशानी और बढ़ गई है।

लोगों को हो रही व्यावहारिक दिक्कतों को देखते हुए कलांत्री ने कहा कि सरकार को 200 रुपये के नए नोट जारी करने के बारे में विचार करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को नोटबंदी की तैयारी और बेहतर तरीके से करनी चाहिए थी और लोगों को इस बारे में जागरूक करना चाहिए था, इससे दहशत की मौजूदा स्थिति न बनती।

कलांत्री ने कहा कि इतने दिनों के बाद भी एटीएम बूथों और बैंकों के बाहर आम आदमी लंबी-लंबी कतारों में घंटों खड़े रहने को मजबूर हैं, वहीं अनौपचारिक अर्थव्यवस्था सर्वाधिक प्रभावित हुई है और गरीबों को सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

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नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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