Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

नर्मदा नदी बन रही नाला : जलपुरुष राजेंद्र

Published

on

मैगसेसे पुरस्कार विजेता 'जलपुरुष' राजेंद्र सिंह, नर्मदा नदी में बढ़ते प्रदूषण, कारखानों से निकलने वाला रासायनिक कचरा, तटीय शहरों के गंदे नाले, रासायनिक उर्वरकों

Loading

साक्षात्कार
भोपाल| नर्मदा नदी में बढ़ते प्रदूषण को लेकर मैगसेसे पुरस्कार विजेता ‘जलपुरुष’ राजेंद्र सिंह चिंतित हैं। उनका कहना है कि नर्मदा अब गंदे नाले में तब्दील होने लगी है। इसमें मिलने वाली छोटी नदियां दम तोड़ रही हैं। कारखानों से निकलने वाला रासायनिक कचरा तथा तटीय शहरों के गंदे नाले इसकी सेहत बिगाड़ रहे हैं।

नर्मदा को लेकर आयोजित ‘मंथन’ में हिस्सा लेने मध्यप्रदेश आए राजेंद्र सिंह ने कहा कि कभी यह नदी सबसे कम प्रदूषित नदियों में शुमार थी। लेकिन वर्तमान में यह अपनी दुर्गति पर आंसू बहा रही है। तटीय शहरों की गंदे नाले इसमें मिल रहे हैं। रही-सही कसर औद्योगिक ईकाइयों के कचरों ने पूरी कर दी है। इसके अलावा इस नदी के प्रवाह को बढ़ाने में सहायक दो से 50 किलोमीटर लंबी अधिकांश नदियां या तो मृतप्राय हो चुकी हैं या सूख गई हैं।

राजेंद्र नर्मदा की इस हालत के लिए रासायनिक उर्वरकों को भी जिम्मेदार मानते हैं, लेकिन कहते हैं कि इससे ज्यादा खतरनाक रासायनिक कचरा है, जो लगातार इस नदी में मिल रहा है। उनका कहना है कि इसे रोका जाना चाहिए । नर्मदा के तट पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए चल रही कोशिशों के सवाल पर वह कहते हैं कि पर्यटन में अनुशासन जरूरी है, यह तभी संभव है जब प्रदूषण, शोषण और अतिक्रमण मुक्त हो।

नर्मदा का अस्तित्व बना रहे इसके लिए वह इसकी सेहत में सुधार लाने पर जोर देते हैं। उन्होंने कहा कि नर्मदा का स्वास्थ्य तभी ठीक होगा, जब उसके दोनों किनारों पर हरियाली बढ़ाई जाए, कटाव रोका जाए, नालों को नदी में न मिलने दिया जाए साथ ही भूजल पुन:भरण पर जोर दिया जाए। इसके अलावा नर्मदा में मिलने वाली छोटी नदियों को पुन:जीवित किया जाए, जिससे नदी का प्रवाह बढ़े।

राजेंद्र ने कहा कि वे उत्तर और दक्षिण भारत की 100 से ज्यादा नदियां देख चुके हैं, मगर कोई भी ऐसी नहीं है जिसके शहरी तट के पानी को पिया जा सके।

वह कहते हैं कि जब भी कोई नदी किसी शहर के करीब पहुंचती है तो उसमें नालों का पानी मिलता नजर आता है। नदियों में सीवर मिल रहे हैं। ऐसे में नदी, नदी नहीं बचती। उल्लेखनीय है कि नौ फरवरी को भी तिराह घाटी में सुरक्षा बलों के विमानों ने हवाई हमले किए थे, जिसमें 12 आतंकवादी मारे गए थे।

Continue Reading

मुख्य समाचार

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

Published

on

Loading

पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

Continue Reading

Trending