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प्रादेशिक

नीतीश समर्थकों ने अदालती रोक को चुनौती दी

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पटना। जनता दल (यूनाइटेड) नेता नीतीश कुमार के समर्थक विधायकों ने गुरुवार को पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर कर विधायक दल का नया नेता चुने जाने पर दिए गए स्थगनादेश को चुनौती दी है। एक दिन पहले पटना हाईकोर्ट ने नीतीश को नेता चुने जाने पर यह आदेश दिया था।

पूर्व मंत्री पीके शाही ने स्थगनादेश को चुनौती देने वाली याचिका दायर की और उसे हटाए जाने का आग्रह किया है। नीतीश के अत्यंत करीबी माने जाने वाले शाही ने कहा कि मेरी अर्जी पर अदालत शाम (4 बजे के बाद) सुनवाई करेगी।

अदालत ने बुधवार को नीतीश कुमार को विधायक दल का नया नेता चुने जाने पर स्थगनादेश दिया था। मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के करीबी विधायक राजेश्वर राज की अर्जी पर यह आदेश देते हुए उच्च न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई 17 फरवरी तय की है। राज ने अदालत में पार्टी अध्यक्ष शरद यादव की ओर से शनिवार की बैठक के लिए पार्टी विधायकों को समन जारी किए जाने की वैधता को चुनौती थी। इसी बैठक में नीतीश कुमार के नेता चुना गया था।

इस सप्ताह के शुरू में विधानसभा के प्रभारी सचिव हरेराम मुखिया की ओर से जारी पत्र में कहा है कि विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने नीतीश कुमार को जद (यू) विधायक दल का नया नेता स्वीकार किया है। मांझी ने भी शरद यादव द्वारा विधायकों को बुलाए जाने के फैसले को गैरकानूनी कहा था और नए नेता के रूप में नीतीश कुमार के पुन: चुने जाने पर सवाल उठा चुके हैं। मुख्य सचेतक श्रवण कुमार ने कहा कि बिहार का सत्ताधारी दल जद (यू) सोमवार को मांझी को छह वर्षो के लिए पार्टी से निष्कासित कर चुका है।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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