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IANS News

नेतन्याहू ने पीएलओ दफ्तर बंद करने के अमेरिकी निर्णय को सराहा

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तेल अवीव, 12 सितम्बर (आईएएनएस)| इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मंगलवार को वाशिंगटन में फिलिस्तीन लिबरेशन ऑर्गेनाइजेशन (पीएलओ) के कार्यालय को बंद करने के अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निर्णय का स्वागत किया। विदेश विभाग ने फिलिस्तीन द्वारा इजरायल के साथ सीधी वार्ता को आगे ना बढ़ाने का हवाला देते हुए सोमवार को अपने इस निर्णय की घोषणा की। बयान में इजरायल के कब्जे बाले वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी में इजरायलियों द्वारा अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का कथित रूप से उल्लंघन करने के मामले को अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय में उठाने के फिलिस्तीन के प्रयास का भी उल्लेख किया गया है।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने नेतन्याहू के कार्यालय द्वारा जारी उनके बयान के हवाले से बताया, अमेरिका ने वाशिंगटन स्थित पीएलओ दफ्तर के संबंध में सही निर्णय लिया है।

उन्होंने कहा, इजरायल अमेरिकी कार्रवाई का समर्थन करता है, जिसमें फिलिस्तीनियों को यह स्पष्ट कर दिया गया है कि वार्ता से उनका इनकार और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर इजरायल पर हमला करने से शांति नहीं बढ़ेगी।

फिलिस्तीन ने अमेरिकी कदम की निंदा की है।

पीएलओ के महासचिव साएब एरेकात ने एक बयान में कहा, यह भड़काऊ कदम बताता है कि अमेरिका इजरायल के अपराधों और फिलिस्तीन के लोगों और जमीन पर उसके हमलों का बचाव करने के साथ-साथ बचे हुए क्षेत्र की शांति और सुरक्षा के खिलाफ काम कर अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को तोड़ना चाहता है।

ट्रंप प्रशासन मध्य-पूर्व में शांति स्थापित करने की अपनी बहु-प्रतीक्षित योजना को सार्वजनिक करने की तैयारी कर रहा है लेकिन जेरूशलम को इजरायल की राजधानी मानने के ट्रंप के विवादित फैसले के बाद फिलिस्तीन के नेताओं ने ट्रंप के राजदूतों से वार्ता करने से इनकार कर दिया है।

व्हाइट हाउस की हालिया घोषणा फिलिस्तीन के खिलाफ उसका नया कदम है। इससे पहले अमेरिका संयुक्त राष्ट्र फिलिस्तीन शरणार्थी एजेंसी को अनुदान भी रोक चुका है।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।

इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।

इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

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