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प्रादेशिक

नोटबंदी को लेकर भाजपा पर गरजे केजरीवाल

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नोटबंदी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, नरेंद्र मोदी, लोकसभा, भारतीय जनता पार्टी, भाजपा

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लखनऊ | नोटबंदी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कड़ा हमला बोलते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को उत्तर प्रदेश के लोगों से भाजपा को वोट नहीं देने का आग्रह किया। विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए करीब आधे घंटे के अपने भाषण के दौरान केजरीवाल ने लोगों को अपना धन निकालने के लिए एटीएम और बैंकों के बाहर लाइनों में घंटों खड़ा करने के लिए

‘मोदी को एक सबक सिखाने’ की बात कही। आम आदमी पार्टी के नेता ने कहा, “आप ने मोदी जी को प्रधानमंत्री बनाया। यदि उत्तर प्रदेश ने 80 सीटों में से 73 सीटें उन्हें नहीं दी होतीं तो वह कभी प्रधानमंत्री नहीं बन पाते।” उन्होंने कहा, “अब यह आपका कर्तव्य है कि उन्हें एक सबक सिखाएं।

पूरा देश आपकी तरफ देख रहा है।” भाजपा को 2014 के लोकसभा चुनावों में 80 सीटों में 71 सीटों पर जीत मिली है। उसके एक सहयोगी ने दो सीटें जीती और सिर्फ सात सीटें विपक्षी दलों को मिलीं। उत्तर प्रदेश में अगले साल चुनाव होने हैं। केजरीवाल ने कहा कि यहां तक कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कट्टर समर्थक भी नोटबंदी से पार्टी के खिलाफ हो गए।

केजरीवाल ने कहा, “मैं एक व्यक्ति से मिला जो भाजपा को पिछले 30 सालों से वोट दे रहा है। उसने मुझसे कहा कि उसने अपने परिवार में कहा है कि आने वाले चुनावों में भाजपा को छोड़ किसी को वोट दे देना।” उन्होंने दूसरे लोगों से ऐसा करने का आग्रह किया। आप नेता ने राजनीतिक पार्टियों को नोटबंदी के बाद नोटों को बैंक खातों में जमा करने पर आय कर नियमों में छूट दिए जाने के कदम को लेकर मोदी पर हमला किया।

उन्होंने सभी पार्टियों के बीते पांच साल के बैंक खातों की एक स्वतंत्र आयोग से जांच की मांग की। उन्होंने कहा, “भाजपा द्वारा करीब 70 फीसदी चंदा नकदी में लिया जाता है। मैं मोदी जी से कहना चाहता हूं कि वह पहले अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को चंदा चेक से लेने के लिए कहे। तब हम सभी नकदी रहित हो जाएंगे।” उन्होंने मोदी पर गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के दौरान कॉरपोरेट कंपनियों से रिश्वत लेने का आरोप लगाया। केजरीवाल 500 और 1000 रुपये की नोटबंदी के खिलाफ अभियान चला रहे हैं।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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